पत्रकारों को डराना धमकाना लोकतंत्र के लिये दुर्भायपूर्ण -अशोक श्रीवास्तव
छत्तीसगढ की घटना से देशभर के पत्रकारों को आघात पहुंचा-महेन्द्र तिवारी
अशोक श्रीवास्तव ने कहा पत्रकारों को डराना धमकाना लोकतंत्र के लिये दुर्भायपूर्ण है। जिस देश में पत्रकार खुद को असुरक्षित महसूस करे वहां का लोकतंत्र भी सुरक्षित नही रह जायेगा। लोकतंत्र को बंचाना है तो पत्रकारों की स्वायत्तता पर गंभीर होना पड़ेगा। मुकेश चन्द्राकर की हत्या अत्यन्त दुखद है।
प्रेस क्लब के महामंत्री महेन्द्र तिवारी ने कहा देशभर के पत्रकारों को घटना से गहरा आघात पहुंचा है। ऐसी घटनाओं से पत्रकारों में डर बैठ गया तो लोकतंत्र को बचाना मुश्किल हो जायेगा।
उन्होने कहा सारी सुविधायें सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के लिये है। राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में मुकेश चन्द्राकर के परिजनों को कम से कम एक करोड़ रूपये की अहेतुक सहायता देने, हत्याकांड की सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में हो और दोषियों को फांसी की सजा दी जाये, पत्रकार निडर होकर जिम्मेदारी से कार्य करें इसके लिये पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर आयोग गठित किया जाये जिससे देशभर के पत्रकारों की आवाज भी सदन के सभी पटलों पर पहुंचे।
ज्ञापन देते समय देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, दिनेश कुमार पाण्डेय, रत्नेन्द्र पाण्डेय, रजनीश त्रिपाठी, राकेश गिरि, अनिल कुमार श्रीवास्तव, अजय कुमार श्रीवास्तव, अमर सोनी, सुनील कुमार सोनी, सरोज मिश्र, जितेन्द्र कुमार, आशुतोष नरायन मिश्र, रामब्रिज प्रजापति आदि मौजूद रहे।
Tags
बस्ती /बस्ती मण्डल