निषाद पार्टी द्वारा निकाली जा रही ‘संवैधानिक अधिकार यात्रा’ का बस्ती में हुआ स्वागत -The 'Constitutional Rights Yatra' being taken out by Nishad Party was welcomed in Basti.

बस्ती का निषाद अब मछुआ एससी आरक्षण को लेकर निषाद पार्टी के साथ कटिबद्ध -डा0 संजय निषाद
बस्ती। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल निषाद पार्टी के तत्वावधान में निकाली जा रही “संवैधानिक अधिकार यात्रा” 49वें दिन जनपद बस्ती में प्रवेश किया। यात्रा सर्किट हाउस से प्रारंभ होकर रोडवेज चौराहा, नगर चौराहा, फुलवारिया, कप्तानगंज, संसारीपुर, हड़ही, वेलघाट, एकटेक्वा, कटरा, गणेशपुर, मनौली चौराहा, माणिक चंद्र, रुधौली बखिरा रोड, महुआ होते हुए यात्रा जनपद संतकबीरनगर के लिए प्रस्थान किया।
    इस अवसर पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 संजय निषाद ने यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि जनपद बस्ती में युवाओं द्वारा किए गये स्वागत से ये तो स्पष्ट हो गया है कि बस्ती का निषाद अब मछुआ एससी आरक्षण को लेकर निषाद पार्टी के साथ कटिबद्ध है और निषाद पार्टी द्वारा निकाली जा रही संवैधानिक अधिकार यात्रा के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है।
    उन्होंने युवाओं में जोश भरते हुए कहा कि मछुआ समाज का युवा- वायु की भाँति आरक्षण की लड़ाई में निषाद पार्टी के साथ चल रहा है और वो दिन दूर नहीं जब निषाद आरक्षण के मछुआ समाज के युवाओं का कल्याण होना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मछुआ समाज के एससी आरक्षण के मुद्दे पर एकमत होकर (चाहे फिर आप किसी भी पार्टी में हो) आवाज उठाइए, संवैधानिक अधिकार यात्रा से जुड़िये, उन्होंने कहा कि मछुआ समाज को आज मछुआ एससी आरक्षण की जरूरत है आप आरक्षण की लड़ाई में साथ चलिए, श्रेय आप ले लीजिएगा, डॉ संजय और निषाद पार्टी को आरक्षण दिलवाने का माध्यम बनाना चाहती है। श्रेय आप ले लीजिएगा किंतु वो जानते हैं कि मछुआ समाज के विभीषण ये कभी स्वीकार नहीं करेंगे की मछुआ समाज को आरक्षण का लाभ मिल जाये क्योंकि वो जानते हैं कि विभीषणों की रोजी-रोटी ही समाज को बरगलाने से चल रही है। निषाद समाज के भोले और सीधेपन को फायदा उठाकर ये लोग खर्च पानी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोगो आरक्षण के श्रेय डॉ संजय और निषाद पार्टी ना ले ले उसके विरोध में इतने अंधे हो गए है की मछुआ समाजहित और मछुआ समाज कल्याण को भी भूल गए है किंतु निषाद पार्टी आरक्षण के मुद्दे पर बनी थी और आज भी आरक्षण के मुद्दे पर अडिग है, सत्ता के सुख से अच्छा है अपने मछुआ समाज के दुख दर्द में उनके साथ खड़ा रहूँ। इस अवसर पर मिठाई लाल निषाद, उमाशंकर पटवा, दीपू निषाद, अशोक निषाद, संदीप निषाद, अजय निषाद, प्रदीप निषाद, साधु निषाद, राम निरंजन निषाद, रामू निषाद, दयाराम निषाद, धर्मराज निषाद, राजेश निषाद, शांति देवी निषाद, सोहन लाल निषाद, हरिदास निषाद, मेहँदी निषाद आदि मौजूद रहे।

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