जनहित याचिका खारिज, अदालत काल्पनिक दावों पर विचार नहीं कर सकती-सुप्रीम कोर्ट -PIL rejected, court cannot consider imaginary claims - SC

बस्ती। अपर जिलाधिकारी प्रतिपाल सिंह चौहान ने बताया कि  सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में इंजीलवादी डॉ के० ए० पॉल द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) जो भारतीय चुनावों में फिजिकल बैलेट पेपर से मतदान फिर से शुरू करने के संबध में थी को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति पी०बी० वराले की पीठ द्वारा सुनवाई उपरान्त खारिज कर दिया गया है। अपीलकर्ता की दलीलो को खारिज करते हुये पीठ द्वारा कहा गया कि जब राजनीतिक नेता हारते है तो वो दावा करते है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गयी है और जब वे जीतते है तो वो कुछ नही कहते। यह अदालत ऐसे काल्पनिक दावों पर विचार नही कर सकती है। पीठ ने अंततः निष्कर्ष निकाला कि जनहित याचिका में पर्याप्त योग्यता नही है और इसे खारिज कर दिया, जिससे सुनवाई समाप्त हो गई। 

और नया पुराने