यज्ञ करने से आत्मबल प्राप्त होता है, समस्त जीवों का कल्याण होता है-आचार्य सुरेश जोशी
बस्ती। आर्य समाज नई बाजार बस्ती के 51वें वार्षिकोत्सव में वैदिक प्रवक्ता स्वामी सच्चिदानंद ने ईश्वर के वास्तविक स्वरूप विषय पर व्याख्यान दिया। कहा कि ईश्वर को लेकर दुनिया में बहुत भ्रांतियां फैली हुई हैं। लोग अपने अनुसार ईश्वर का व्याख्यान कर रहे हैं जिससे हिंदू समाज आज भटका हुआ है। उसे सही रास्ते पर लाने के लिए एकमात्र उपाय वेद है। जो ईश्वर के प्राप्ति का सही रास्ता बताता है।
भजनोपदेशिका पण्डिता रुक्मणी देवी ने अपने भजन ’हे ज्योतिपुंज भगवन मेरे मन में क्यों अंधेरा’ प्रस्तुत कर कार्यक्रम को नई चेतना दी और ईश्वर का वास्तविक स्वरूप समझाया। बिजनौर से पधारे आर्य समाज के प्रसिद्ध भजनोपदेशक योगेश दत्त आर्य ने ’जहां यज्ञ हवन होगा वहां शुद्ध पवन होगा’ भजन प्रस्तुत कर लोगों को यज्ञ का महत्व बताया और कहा कि इससे पर्यावरण भी जीवनदायी होगा। ईश्वर का वैदिक स्वरूप विषय पर तर्क देते हुए ’सृष्टि में व्यापक प्रभु है दृष्टि में आता नहीं’ भजन प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। उन्होंने कहा कि ईश्वर सूक्ष्म से भी सूक्ष्म है। परमात्मा के सिवा सृष्टि को और कोई नहीं रच सकता। और इस संसार में ईश्वर का मंदिर कोई नहीं बना सकता।
कार्यक्रम में यज्ञ कराते हुए आचार्य सुरेश जोशी ने बताया कि यज्ञ करने से हमें हमें अपार आत्मबल प्राप्त होता है। यज्ञ से समस्त जीवों का कल्याण होता है।
ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि आगामी 8अक्तूबर को आर्य वीर दल का शौर्य प्रदर्शन दिन में 2बजे से 4बजे तक होगा। उन्होंने इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने का आह्वान किया है। यजमान के रूप में नवीन कुमार श्रीवास्तव, सत्या पाण्डेय, कंचनलता आर्य, अमित कुमार, मनीष कुमार सपरिवार यजमान रहे।
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