अंबेडकर
नगर । जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में पुलिस अधीक्षक
डॉ कौस्तुभ तथा मुख्य विकास अधिकारी प्रणता ऐश्वर्या की उपस्थिति में
कलेक्ट्रेट सभागार में काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव कार्यक्रम का
आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी अविनाश सिंह द्वारा मां
भारती के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर एवम् दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इसके बाद चित बहाल आदर्श बालिका इंटर कॉलेज के छात्राओं द्वारा सरस्वती गीत
अन्य छात्र–छात्राओं द्वारा भी काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव के
अवसर पर राष्ट्र/लोकगीत प्रस्तुत किया गया। संस्कृत विभाग से आए हुए कलाकार
महिंद्रा देवी देशभक्ति लोकगायन, छबिलाल पाल बिरहा लोक गायन, डॉ. जान्हवी
पांडे लोकगायन/नृत्य, सौरव शुक्ला लोकगायन द्वारा अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां
की गई। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी द्वारा शहीद आश्रितों/परिजनों
रामावती, फूलपत्ती, शांति देवी, सुभावती, कुसुम, दीपा उपाध्याय, उमा सिंह
तथा दीपमाला को अंगवस्त्र पहनाकर तथा पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
विद्यालय के छात्र छात्राओं तथा संस्कृत विभाग से आए हुए कलाकारों को
जिलाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से 21000/- रुपए का प्रोत्साहन राशि देकर
सम्मानित एवं प्रेरित किया गया।
जिलाधिकारी
ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश के स्वाधीनता की लड़ाई में काकोरी कांड के
नाम से इतिहास में दर्ज घटना आज एक महोत्सव के रूप में परिणित हो चुकी है।
आजादी के अमृत महोत्सव के आयोजन के अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा इसे "काकोरी
ट्रेन एक्शन" के नाम से संबोधित किया गया। 09 अगस्त 2024 अर्थात आज से
काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ की शुरुआत हो चुकी है जिसे संपूर्ण
प्रदेश में विभिन्न गतिविधियों के साथ मनाया जा रहा है। काकोरी की उस घटना
पर जिसने संपूर्ण फिरंगी साम्राज्य की नीवों को जड़ से हिला दिया था। सन्
1922 में गोरखपुर के चौरी–चौरा घटना के बाद महात्मा गांधी द्वारा 11 फरवरी
1922 को असहयोग आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की गई, किंतु आजादी के दीवानों
के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। क्रांतिकारी युवाओं ने अपने उद्देश्य
की पूर्ति हेतु 1924 में हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसियेशन (HRA) का गठन किया।
जिसमें मुख्य रूप से चंद्रशेखर आजाद, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर
रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी आदि सम्मिलित थे, किंतु
इस संघर्ष को आगे बढ़ने व मूर्त रूप देने हेतु धन की आवश्यकता थी। इसके लिए
क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी सरकार के खजाने पर कब्जा करने हेतु बड़ी
कार्रवाई काकोरी में की गई। सरकारी खजाने को हासिल करने की यह घटना काकोरी
घटना के नाम से प्रसिद्ध है। 9 अगस्त 1925 को शाहजहांपुर से लखनऊ आ रही
ट्रेन को काकोरी के निकट रोककर अंग्रेजी सरकार के खजाने पर क्रांतिकारियों
द्वारा कब्जा कर लिया गया इस घटना से आक्रोशित ब्रिटिश सरकार द्वारा व्यापक
स्तर पर गिरफ्तारी की गई और क्रांतिकारियों को अलग-अलग जेलों में बंद कर
दिया गया। मुकदमा चलने के बाद शहीद राम प्रसाद बिस्मिल, शहीद राजेंद्र नाथ
लाहिड़ी, शहीद अशफाक उल्लाह खां व शहीद रोशन सिंह को फांसी की सजा सुनाई
गई।16 अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम चार वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम
आजीवन कारावास तक का दंड दिया गया। चंद्रशेखर आजाद को जीते जी अंग्रेज
पुलिस कभी पकड़ नहीं पाई। 22 फरवरी 1931 को आजाद ने अल्फ्रेड पार्क
प्रयागराज में अंग्रेजों के साथ संघर्ष में वीरगति को प्राप्त किया। इस
प्रकार काकोरी कांड ने अंग्रेजों को अंदर से हिला कर रख दिया और हमारे महान
वीर सपूतों ने अपने प्राणों को न्योछावर करते हुए अपने नाम को इतिहास में
स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करा लिया। देश के इन वीर सेनानियों को हम सब की
तरफ से कृतज्ञ राष्ट्र का शत-शत नमन! साथ ही साथ जिला सैनिक कल्याण एवं
पुनर्वास अधिकारी कर्नल बीके शुक्ला तथा विद्यालय के उपस्थित अध्यापक
द्वारा भी काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह के बारे में विस्तार पूर्वक
उद्बोधन किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रियंका तिवारी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के दौरान मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.राजकुमार,अपर
जिलाधिकारी डॉ. सदानंद गुप्ता, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार तिवारी तथा
संबंधित विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी मौके पर उपस्थित रहे।
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