सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हर्रैया में टीबी मुक्त पंचायत हेतु सीएचओ और एएनएम की संयुक्त प्रशिक्षण का आयोजन
बस्ती। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हर्रैया के सभागार में टीबी मुक्त पंचायत हेतु सीएचओ और एएनएम की संयुक्त प्रशिक्षण का आयोजन अधीक्षक डा बृजेश कुमार शुक्ल के अध्यक्षता में किया गया।
डा बृजेश ने कहा कि टीबी का बैक्टीरिया ज्यादेतर मामलों में फेंफड़ों को प्रभावित करता है। पंद्रह दिन से अधिक खांसी, सीने में दर्द, बलगम, वजन कम होना, बुखार आना और रात में पसीना आना, बलगम के साथ खून आना टीबी के लक्षण है। इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण है तो इसे नजर अंदाज मत करें। जांच तुरंत करायें। आज के समय में टीबी पूर्णतया ठीक हो रही है।
एमओटीसी डा नंदलाल यादव ने कहा कि टीबी के रोगी को नियमित टीबी की दवाओं का सेवन करते रहना चाहिए। रोगी को 6 माह तक इलाज पूर्ण करने पर निक्षय पोषण योजना के जरिए 1500 रुपये पहले शुरुआती और 1500 रुपये ईलाज पूर्ण करने तक पोषण के लिए दी जा रही है, इसके साथ ही टीबी मरीजों को पहचान करने वालों को भी 500 रुपये दिया जा रहा है।
प्रशिक्षक जिला कार्यक्रम समन्वयक अखिलेश चतुर्वेदी ने कहा की वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत हेतु पंचायत स्तर पर टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित कराए जाने की आवश्यकता है जिसके लिए ग्राम स्तर पर टीबी के लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनके बलगम का जांच कराते हुए ग्राम स्तर के सभी क्षय रोगियों को गण मान्य व्यक्तियों के माध्यम से गोद दिलवाया जाए जिससे क्षय रोगियों को पोषण में सहयोग किया जा सके।
वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि सभी सीएचओ, एएनएम अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। अपने क्षेत्र के प्रत्येक आशा से कम से कम 5 जाँच अवश्य कराएं। आप सभी अपने क्षेत्र के मरीज के सम्पर्क में रहने वाले एवं पास पड़ोस में रहने वाले सभी ब्यक्तियों की जांच अवश्य कराएं। क्षय रोग उन्मूलन हेतु सामुदायिक और राजनैतिक भागीदारी बेहद अहम हैं।
वरिष्ठ टीबी प्रयोगशाला पर्यवेक्षक संजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि टीबी इलाज में सबसे पहले मरीज की हिस्ट्री लेते हुए यह पता किया जाता है कि मरीज किसी संक्रमण के सम्पर्क में था या नही फिर बीमारी की पुष्टि के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट किया जाता है। टीबी मरीज के खांसी के नमूने का प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाता है, फेफड़े में टीबी के लक्षण की जांच के लिए छाती का एक्स रे किया जाता है। प्रति हजार जनसंख्या पर सभी सीएचओ एएनएम को कम से कम 30 जाँच कराना ही कराना है।
इस दौरान शशिकला, सविता पाण्डेय, बिंदुबाला, संगीता पाण्डेय, प्रीती पाण्डेय, सुचेता सिंह, निधि, सरिता तिवारी, सुमन पाल, निधि शुक्ला, पूनम पाल, कुमारी शीला, प्रियंका द्विवेदी, कल्पना मौर्या, प्रीती, अनीता चौधरी, पूजा वर्मा, कबिता गौतम, प्रीती यादव, शिवांक, इन्द्रा राई, पाखी, सुप्रिया, रवि सोनकर, विजय पाल, प्रवीण पाण्डेय, सुनील वर्मा, बब्ली भारती, प्रियंका यादव, अंजली सिंह, पुन्नी लाल, उदय प्रताप शुक्ला, मृगेन्द्र पाण्डेय सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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