बस्ती। कमलेश चन्द्र अपर जिलाधिकारी (वि0रा0) ने ग्रीष्म ऋतु में लू (हीट स्ट्रोक)/गर्म हवाओं से बचाव हेतु आवश्यक जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में तापमान में हो रही वृद्धि के कारण जनपदवासियों को लू (हीट स्ट्रोक) से बचाव की आवश्यकता है।
हीट स्ट्रोक के लक्षण
गर्म लाल शुष्क त्वचा होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उथले श्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन भ्रम की स्थिति, सिरदर्द मितली थकान और कमजारी होना चक्कर आना।
कब लगती है लू
गर्मी में शरीर के द्रव्य बाडी फल्यूड सूखने लगती है। शरीर से पानी नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। निम्न स्थितियों में लू लगने की सम्भावना अधिक रहती है- शराब की लत, हृदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, पार्किंसंस रोग, अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह।
गर्मी की लहर से निपटने की क्षमता बढ़ाने के लिए अभिनव उपाय
1. वृक्षारोपण
सार्वजनिक स्थानों पर व अपने घर के पास स्थानों पर पर्याप्त पेड़ लगाने से हीट वेव के प्रभाव को कम कर पाना सम्भव है क्योकि गर्मियों के दिनों मे वृक्षो के निचे राहत की अनुभूति मिलती है व सूर्य की किरने सीधा धरातल पर न पड़ने के कारन तापमान में भी कमी पाई जाती है वृक्षारोपण के लिए छायादार वृक्षों में पीपल, सप्तपर्णी, जामुन, देवदार और आमचंपा आदि होने चाहिए।
जनपद खीरी मे सार्वजनिक स्थलों पर जहा सम्भव हो जैसे मंदिरों, अस्पतालों, कार्यालयों, मॉल वा निजी स्थलों पर भी जैसे घरों की परिधि के आसपास छायादार पेड़ लगाए जाने हेतु अभियान चला कर अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जायेगा
2. गर्मी के दिनों में खिडकियों पर पर्दा लगा कर रखना
गर्मी के दिनों मे खिडकियों पर पर्दा लगाये रखने से 30 प्रतिशत तक सूर्य की किरणों को घर मे प्रवेश करने से रोका जा सकता है जिसके करण घर के अन्दर के तापमान में कमी की अनुभूति होती है
3. हाउस क्रॉस वेंटिलेशन
कमरों को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए कि गर्मियों में घरों में क्रॉस वेंटिलेशन की सुविधा के लिए दीवार के विपरीत चेहरे पर दरवाजे, खिड़कियां, वेंट लगाए जाएं ताकि शाम को खिड़कियों के खुलने पर गर्म हवा घर से बाहर निकल सके। दोनों तरफ के हिस्से सुबह और शाम को खोले जाएंगे। सुनिश्चित करें कि विपरीत दिशा की खिड़कियाँ केवल सुबह और शाम को खोली जानी चाहिए जब बाहरी हवा घर के अंदर की तुलना में ठंडी होती है
4. ऊपरी मंजिल पर सफेद परावर्तक पेंट लगाना
शोध में ऐसा मन जाता है कि सफेद रंग का एल्बीडो सबसे अधिक होता है जो 0.9 से 1.0 तक है जिसके के करण सूर्य से धरातल पर आने वाली किरणों को यह वापस रिफ्लेक्ट कर देती है जिस के करण ऊष्मा का अवशोषण नही होता है
यदि जनपद में इमारतो कि छतो पर सफेद परावर्तक पेंट लगा दिया जाए तो सूर्य की किरने उससे टकराकर वापस रिफ्लेक्ट हो जाएँगी जिस से घर के अन्दर का तापमान भार की तुलना मे 5 से 6 डिग्री संभवतः कम होगा व हीट वेव का प्रभाव ऐसी इमारतो मे रहने वाले व्यक्तियों पर नही होगा। अतः इस विधि के विषय में जागरूकता कार्यक्रमोंमें प्रचार किया जायेगा
5. एवनिंग का प्रयोग
खिडकियों मे एवनिंग बाहरी रूप से लगे होते हैं और एक प्रकार की अस्थायी छत के रूप में कार्य करते हैं। वे खिड़कियों और दरवाजों को छाया देने में मदद करते हैं, रोशनी, गर्मी और बारिश को प्रभावी ढंग से दूर रखते हैं। वे इनडोर तापमान को नियंत्रित करने के लिए उत्कृष्ट हैं।
अतः यदि इसे खिडकियों पर दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में लगाया जाए तो यह हीट वेव के प्रभाव को न्यूनीकरत कर सकता है
हीट स्ट्रोक के लक्षण
गर्म लाल शुष्क त्वचा होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उथले श्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन भ्रम की स्थिति, सिरदर्द मितली थकान और कमजारी होना चक्कर आना।
कब लगती है लू
गर्मी में शरीर के द्रव्य बाडी फल्यूड सूखने लगती है। शरीर से पानी नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। निम्न स्थितियों में लू लगने की सम्भावना अधिक रहती है- शराब की लत, हृदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, पार्किंसंस रोग, अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह।
गर्मी की लहर से निपटने की क्षमता बढ़ाने के लिए अभिनव उपाय
1. वृक्षारोपण
सार्वजनिक स्थानों पर व अपने घर के पास स्थानों पर पर्याप्त पेड़ लगाने से हीट वेव के प्रभाव को कम कर पाना सम्भव है क्योकि गर्मियों के दिनों मे वृक्षो के निचे राहत की अनुभूति मिलती है व सूर्य की किरने सीधा धरातल पर न पड़ने के कारन तापमान में भी कमी पाई जाती है वृक्षारोपण के लिए छायादार वृक्षों में पीपल, सप्तपर्णी, जामुन, देवदार और आमचंपा आदि होने चाहिए।
जनपद खीरी मे सार्वजनिक स्थलों पर जहा सम्भव हो जैसे मंदिरों, अस्पतालों, कार्यालयों, मॉल वा निजी स्थलों पर भी जैसे घरों की परिधि के आसपास छायादार पेड़ लगाए जाने हेतु अभियान चला कर अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जायेगा
2. गर्मी के दिनों में खिडकियों पर पर्दा लगा कर रखना
गर्मी के दिनों मे खिडकियों पर पर्दा लगाये रखने से 30 प्रतिशत तक सूर्य की किरणों को घर मे प्रवेश करने से रोका जा सकता है जिसके करण घर के अन्दर के तापमान में कमी की अनुभूति होती है
3. हाउस क्रॉस वेंटिलेशन
कमरों को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए कि गर्मियों में घरों में क्रॉस वेंटिलेशन की सुविधा के लिए दीवार के विपरीत चेहरे पर दरवाजे, खिड़कियां, वेंट लगाए जाएं ताकि शाम को खिड़कियों के खुलने पर गर्म हवा घर से बाहर निकल सके। दोनों तरफ के हिस्से सुबह और शाम को खोले जाएंगे। सुनिश्चित करें कि विपरीत दिशा की खिड़कियाँ केवल सुबह और शाम को खोली जानी चाहिए जब बाहरी हवा घर के अंदर की तुलना में ठंडी होती है
4. ऊपरी मंजिल पर सफेद परावर्तक पेंट लगाना
शोध में ऐसा मन जाता है कि सफेद रंग का एल्बीडो सबसे अधिक होता है जो 0.9 से 1.0 तक है जिसके के करण सूर्य से धरातल पर आने वाली किरणों को यह वापस रिफ्लेक्ट कर देती है जिस के करण ऊष्मा का अवशोषण नही होता है
यदि जनपद में इमारतो कि छतो पर सफेद परावर्तक पेंट लगा दिया जाए तो सूर्य की किरने उससे टकराकर वापस रिफ्लेक्ट हो जाएँगी जिस से घर के अन्दर का तापमान भार की तुलना मे 5 से 6 डिग्री संभवतः कम होगा व हीट वेव का प्रभाव ऐसी इमारतो मे रहने वाले व्यक्तियों पर नही होगा। अतः इस विधि के विषय में जागरूकता कार्यक्रमोंमें प्रचार किया जायेगा
5. एवनिंग का प्रयोग
खिडकियों मे एवनिंग बाहरी रूप से लगे होते हैं और एक प्रकार की अस्थायी छत के रूप में कार्य करते हैं। वे खिड़कियों और दरवाजों को छाया देने में मदद करते हैं, रोशनी, गर्मी और बारिश को प्रभावी ढंग से दूर रखते हैं। वे इनडोर तापमान को नियंत्रित करने के लिए उत्कृष्ट हैं।
अतः यदि इसे खिडकियों पर दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में लगाया जाए तो यह हीट वेव के प्रभाव को न्यूनीकरत कर सकता है
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