बस्ती।
न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा ने कहा है की
नाबालिग बच्चों का अकारण परित्याग करना कानूनन दंडनीय अपराध है,ऐसा कृत्य
करने वाले माता पिता पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
सी
डब्लू सी के चेयर पर्सन प्रेरक ने कहा की अधिकतर मामलों में अभिभावक अपनी
नाबालिग बेटी के घर से भाग जाने के बाद थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट तो
दर्ज करवा देते हैं, पुलिस मामला दर्ज करने के बाद बालिका को जब बरामद कर
लेती है और कानूनी कार्यवाही में अभिभावक से सहयोग मांगती है तो अभिभावक
पीछे हट जाते हैं यहां तक कि माताएं बालिका के मेडिकल जांच की प्रक्रिया
पूर्ण करवाने के लिए बार बार बुलाने पर भी नही आती हैं, इतना ही नहीं
नाबालिग लड़की को अपने साथ घर ले जाने से भी मना कर दिया जाता है। इसे जे
जे एक्ट में बच्चे के प्रति क्रूरता कहा गया है। जे जे एक्ट 2015 की धारा
75 के अंतर्गत बच्चे का अकारण परित्याग करना दंडनीय अपराध है,इसके तहत माता
पिता को तीन वर्ष की जेल के साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी हो सकता
है। कहा कि बच्चा या बच्ची जब घर से भाग जाते हैं तो उन्हे संबेदना और
सहयोग की जरूरत होती है, उन्हे प्यार से समझा कर पुनः रास्ते पर लाया जा
सकता है। भटके हुए बालक और बालिका को संवाद और कौंसलिंग के जरिए पुनः मुख्य
धारा में लाने की जरूरत होती है। इस प्रकार के अभिभावकों पर उक्त अधिनियम
के तहत मुकदमा दर्ज करवाया जायेगा, किसी को भी बाल हित के साथ मनमानी करने
का अधिकार नहीं है।
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