ज़मीन पर अपनी क़ाबिलियत का झंडा गाड़ दिया मैंने ।
फ़लक पर क़ामयाबी की इबारत लिखना बाकी है ।।
अंबेडकरनगर । चर्चित कवि व मंच संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु का यह शेर नौजवानों को जोश और जज़्बे के साथ कर्तव्य निष्ठ होने को प्रेरित करता है । अगर बात करें जिज्ञासु की तो उनकी दर्जनों किताबें प्रकाशित हैं जिनमें व्यक्तिगत और साझा काव्य संग्रह शामिल है । जिज्ञासु के खाते में पुरस्कार और सम्मानों की एक लंबी फ़ेहरिस्त है । अभी हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास ( पंजीकृत संस्था ) साहित्योदय द्वारा आयोजित शिवायन अखंड काव्यार्चन में जिज्ञासु द्वारा उत्कृष्ट काव्य पाठ प्रस्तुत किया गया । परिणाम स्वरूप संस्था द्वारा उन्हें शिव शक्ति सम्मान से विभूषित किया गया है । कवि व मंच संचालक डॉ० जिज्ञासु के सम्मान प्राप्ति पर सोशल मीडिया पर शिक्षकों , कवियों , साहित्यकारों एवं समाजसेवियों द्वारा बधाई एवं शुभकामनाओं का सिलसिला जारी है ।
फ़लक पर क़ामयाबी की इबारत लिखना बाकी है ।।
अंबेडकरनगर । चर्चित कवि व मंच संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु का यह शेर नौजवानों को जोश और जज़्बे के साथ कर्तव्य निष्ठ होने को प्रेरित करता है । अगर बात करें जिज्ञासु की तो उनकी दर्जनों किताबें प्रकाशित हैं जिनमें व्यक्तिगत और साझा काव्य संग्रह शामिल है । जिज्ञासु के खाते में पुरस्कार और सम्मानों की एक लंबी फ़ेहरिस्त है । अभी हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास ( पंजीकृत संस्था ) साहित्योदय द्वारा आयोजित शिवायन अखंड काव्यार्चन में जिज्ञासु द्वारा उत्कृष्ट काव्य पाठ प्रस्तुत किया गया । परिणाम स्वरूप संस्था द्वारा उन्हें शिव शक्ति सम्मान से विभूषित किया गया है । कवि व मंच संचालक डॉ० जिज्ञासु के सम्मान प्राप्ति पर सोशल मीडिया पर शिक्षकों , कवियों , साहित्यकारों एवं समाजसेवियों द्वारा बधाई एवं शुभकामनाओं का सिलसिला जारी है ।
Tags
उत्तर प्रदेश