सांस्कृतिक लोकोत्सव कार्यक्रम में लोककलाओं की प्रस्तुति से कलाकारों नें बांधा समा

विलुप्त होती हुई लोक कला एवं लोक संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन एवं उत्थान पर जोर
बस्ती। विलुप्त होती हुई लोक संस्कृति एवं लोक कला के संरक्षण, संवर्धन, उत्थान व उन्हें सम्मान दिलाने के लिए शुक्रवार को भानपुर के कोठिला गाँव में सांस्कृतिक लोकोत्सव कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था रूरल अवेयरनस फॉर कम्युनिटी एवोलूशन द्वारा किया गया। इस मौके पर जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के मनोविद मुख्य अतिथि डॉ. राधेश्याम चौधरी ने विलुप्त होती हुई लोक कला एवं लोक संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन एवं उत्थान पर जोर दिया और पूर्वांचल की विलुप्त व उपेक्षित होती हुई लोककला को उपर उठाने व लोक कलाकारों को यथेष्ट सम्मान देने के लिए इस कार्यक्रम की महत्ता को महत्वपूर्ण बताया।
संस्था के अध्यक्ष नितेश शर्मा नें कहा कि देश व प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत एवं लोक कलाओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सबकी है। इसलिए अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए मूल विरासत को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा भारतीय प्रतीकों, सांस्कृतिक अस्मिता तथा धरोहरों को संरक्षित एवं संवर्धित किया जा रहा है। उन्होंने कहा की हमें धारा में मिलकर अपने उद्देश्य में सफल हों ऐसा प्रयास करने की आवश्यकता है। अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि रूरल अवेयरनस फॉर कम्युनिटी एवोलूशनलोक कलाओं के संरक्षण तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए कार्य कर रहा है।
इस दौरान कलाकारों नें अलग अलग लोक विधा में फाग, चैती, बिरहा, सुवा गीत, बांस गीत, जंवारा, माता सेवा, ददरिया, कर्मा, डंडा नृत्य, राउत नृत्य , गेड़ी नृत्य, फुगड़ी नृत्य, मादंरी नृत्य, देवार गीत, गम्मत एवं अन्य विधा में नृत्य और गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर योगेंद्र पांडेय, आनंद शुक्ल, फूलराम वर्मा, प्रमोद प्रजापति, रामभारत यादव, संतराम प्रजापति, घनश्याम, विवेक मिश्र, आशीष चौधरी, संगीता देवी, प्रभावती गौतम, नीलम सोनकर, प्रभुनाथ गुप्ता, संतोष मोदनवाल, मन्नू कसौधन, अजय मोदनवाल, अंकित शुक्ल, दिलीप पांडेय, विजय गुप्ता, आकाश चौधरी, जयप्रकाश पांडेय, विमल सोनी, ज्ञानमती देवी, पूनम शर्मा, शिखा यादव, विजय पांडेय सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। 

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