संत गाडगे ने सामाजिक विषमताओं के खिलाफ संघर्ष किया-मण्डल प्रभारी बसपा

संत गाडगे की जंयंती पर किया गया याद,
बस्ती। भारत मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष आर.के. आरतियन के संयोजन में महान संत गाडगे के जयन्ती अवसर पर उन्हें याद किया गया। कटरा पानी की टंकी के निकट स्थित संत गाडगे की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लोगों ने उनके योगदान पर विमर्श किया। मोर्चा जिलाध्यक्ष आर.के. आरतियन ने मांग किया कि अंध विश्वास को दूर करने के लिए हमेशा आमजन को जाग्रत करने का प्रयास करने वाले संत गाडगे बाबा को मरणोपरान्त भारत रत्न दिया जाय जिससे नई पीढी उनके योगदान से परिचित होने के साथ ही प्रेरणा ले।
बहुजन मुक्ति पार्टी के मण्डल प्रभारी हृदय गौतम ने कहा कि संत गाडगे सामाजिक विषमताओं के खिलाफ संघर्ष करने वाले संत थे। मानवता ही उनके लिए सबसे बड़ा धर्म था। समाज के लोगों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। मजदूरों और किसानों के लिए उनकी सोच हमेशा सकारात्मक रहेगी।
सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रिका प्रसाद, राजू कन्नौजिया ने कहा कि संत गाडगे जी महाराज का जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र के अंजनगांव (अमरावती) के सुरजी तालुका के शेडगाओ ग्राम में एक धोबी के परिवार में हुआ था। ज्ञानार्जन से उन्हें जो पैसे प्राप्त होते थे, उससे गांव में स्कूल, धर्मशाला, अस्पताल और जानवरों के रहने योग्य घर बनवाते थे।  गाडगे महाराज लोगों को कठिन परिश्रम, साधारण जीवन और परोपकार की भावना का पाठ पढ़ाते थे और हमेशा जरूरतमंदों की सहायता करने को कहते थे। वे जब किसी गांव में प्रवेश करते, वहां की गंदी गलियों की सफाई शुरू कर देते थे। ऐसे महान संत के जीवन से हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिये।जयन्ती अवसर पर महान संत गाडगे को नमन् करने वालों में मुख्य रूप से राजेन्द्र प्रसाद, अजय कुमार कन्नौजिया, राकेश कुमार, जगदीश, दुर्गेश कुमार, सतीश चन्द्र शर्मा, प्रिन्स के साथ ही अनेक सामाजिक संगठनों के लोग उपस्थित रहे।

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