पटना। पृथ्वी मिसाइल का सफल परीक्षण भारत के सामरिक इतिहास में अति महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस मिसाइल का सफल परीक्षण 25 फरवरी 1988 ई. को हुआ था। यह भारत की पहली स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल है। पृथ्वी मिसाइल के सफल परीक्षण की 36 वीं वर्षगांठ रविवार को राजकीयकृत उर्दू मध्य विद्यालय नरकट घाट, गुलजारबाग, पटना में स्नातक विज्ञान शिक्षक सूर्य कान्त गुप्ता के नेतृत्व में मनाई गई, साथ ही चित्रकारी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि 25 फरवरी 1988 ई. को पृथ्वी मिसाइल का सफल परीक्षण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्री हरिकोटा से किया गया था। श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिला में अवस्थित है। पृथ्वी मिसाइल की मारक क्षमता 150 किलोमीटर यानि 93 मील है। इसका वजन 1000 किलोग्राम है। पृथ्वी मिसाइल सतह -से- सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। पृथ्वी मिसाइल के नौसैनिक संस्करण को धनुष नाम दिया गया है। पृथ्वी-।। मिसाइल का सफल परीक्षण 27 जनवरी 1996 ई. को तथा पृथ्वी-।।। मिसाइल का सफल परीक्षण 23 जनवरी 2004 ई. को हुआ था।
पृथ्वी मिसाइल के सफल परीक्षण की इस 36वीं वर्षगांठ के अवसर पर श्री गुप्ता के द्वारा छात्र-छात्राओं के बीच पृथ्वी मिसाइल चित्रकारी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें प्रथम स्थान माविया अंसारी एवं नासरीन खातून को, द्वितीय स्थान मुस्कान खातून, जोहरा बानो एवं इशा परवीन को तथा तीसरा स्थान किफा परवीन एवं मो. फतेह को संयुक्त रूप से प्राप्त हुआ। आफिया अंसारी, रफत परवीन, सामिया शमशाद, मो. नवाब, मो. साकिब, जोया, मन्तशा परवीन के चित्र भी सराहे गए। वर्षगांठ कार्यक्रम एवं चित्रकारी प्रतियोगिता को सफल बनाने में विद्या झा, अजीज फातिमा, सर्फुद्दीन नूरी, रेशमा खातून ने सराहनीय योगदान दिया।