पितृपक्ष में अमावस्या तिथि का अन्य तिथि से विशेष महत्व- ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री जी

"पितृपक्ष में पितृ श्राद्ध एवं तर्पण का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता हैं। यदि पितृ निराश हो तो इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे जीवन में असफलता का कारण बनता हैं। पितरों को मोक्ष एवं आत्मा की शांति के लिए उनकी पूजा करके जीवन में सफलता की प्राप्ति होती हैं।  हैं।

पितृ दोष, पितृ कर्म ऋण, एवं पितृ आत्मा शांति के लिए 14 अक्टूबर 2023, शनिवार को पितृ पक्ष की अमावस्या के शुभ दिन पर आदि गंगा गोमती घाट पर पितृ शांति महापूजा, महा तर्पण एवं महा पिंडदान भाग लें और अपने पितरों की सेवा सौभाग्य प्राप्त करें।

पूजा संकल्प के दौरान पुरोहित द्वारा आपके व आपके परिवार के सदस्यों के नाम और गोत्र का उच्चारण किया जाएगा।

अगर आप देश-विदेश कहीं पर भी हैं‌। और किसी कारणवश श्राद्ध नही कर पा रहे है और अपने पितरों के प्रति अगर आपकी श्रद्धा है और उनके प्रति अगर आपको कुछ करने की भावना है तो आप अपना नाम गोत्र और निमित्त मात्र दक्षिणा भेज करके आप पितृ दोष से मुक्त हो सकते हैं।

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हम होंगे पितृऋण से मुक्त होंगे आप सब समस्या से मुक्त

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