बनकटी/बस्ती। सूर्य बक्श पाल स्मारक महाविद्यालय परिसर में शिक्षा मंत्रालय के आह्वान पर उत्तर क्षेत्रीय राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के निर्देशन में चल रहे विशेष स्वच्छता अभियान 3.0 के अन्तर्गत मृदा संरक्षण में कम्पोस्ट गड्ढों की भूमिका विषय पर आओ करके सीखे कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कार्यक्रम प्रभारी डा अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि मृदा संरक्षण वर्तमान की नितांत आवश्यकता है और इसको कम्पोस्ट गड्ढों का अधिक से अधिक निर्माण कर संरक्षित किया जा सकता है।
डा सिंह ने शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय निदेशक मुकेश कुमार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि एन सी टी ई ने महाविद्यालय में अध्ययनरत युवाओं को स्वच्छता, मृदा संरक्षण, राष्ट्र प्रेम की भावना विकसित होने में सहायक पंच प्रण से जुड़ने का अवसर प्रदान किया जो छात्र छात्राओं के व्यक्तित्व के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। शिक्षा मंत्रालय के आह्वान पर महाविद्यालय परिसर में 8×6×8 का कम्पोस्ट गड्ढे का निर्माण कराया गया।कम्पोस्ट गड्ढों से निर्मित खाद पूर्णतः जैविक होती है जो पशुओं के अपशिष्ट पदार्थ, सडी गली पत्तियों, मानसूनी वर्षा या भूजल के संयोजन से निर्मित होते हैं। आज के इस भौतिकता वादी युग में रासायनिक उर्वरको के प्रयोग से मानव जीवन का आहार विहार प्रभावित है ऐसे में कम्पोस्ट गड्ढे हमारे जीवन के आने वाले दिनों में मृदा संरक्षण के लिए एक वरदान साबित होगे।
स्वच्छता प्रतिज्ञा के अन्तर्गत छात्र छात्राओं द्वारा लिए गए प्रतिदिन एक घंटे के श्रमदान के अधीन महाविद्यालय के स्टाफ, छात्र -छात्राओं ने कम्पोस्ट गड्ढा बनाने में अपना योगदान दिया जिससे छात्र छात्राओं में जैविक खाद की समझ आई तथा अपने किचन गार्डन के लिए कम्पोस्ट पिट को अपने घर पर बनाने का संकल्प लिया साथ शिक्षा संकाय के अन्तर्गत बी एड के छात्राध्यापक छात्राध्यापिकाओ ने कम से कम पाच पाच लोगों को कम्पोस्ट गड्ढों के निर्माण, आवश्यकता और उपयोगिता के बारे में बताने की प्रतिज्ञा ली। कार्यक्रम के अन्त में सभी के प्रति आभार राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डा राकेश कुमार यादव ने प्रकट किया।
Tags
बस्ती /बस्ती मण्डल