वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार सत्येन्द्र नाथ मतवाला के निधन से शोकाकुल हुआ साहित्य जगत

बस्ती। बस्ती के वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार सत्येन्द्र नाथ मतवाला (लगभग 83 वर्ष) का सोमवार रात निधन हो गया। कुछ दिन पूर्व स्वास्थ्य खराब होने के बाद उन्हें लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
जिलेे में अपनी कविताओं के माध्यम से लोेगों को जगाने वाले कवि एवं साहित्यकार आज चिर निद्रा में सेे गये। अब वेे वापस नहीं आयेंगे लेकिन अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों के दिलों में हमेशा बसेे रहेंगे।
वे साहित्य जगत के यायावर थे। अपने नाम के अनुरूप उनका जीवन भी था। सदा ही मतवाले अंदाज में वे जीते थेे।
भारतीय स्टेट बैंक से अवकाश प्राप्त करने के बाद सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ‘मतवाला’ अंतिम  समय तक साहित्य साधना में लगे रहे।
उनके निधन से बस्ती के कवियो, सााहित्यकारों एवं राजनीतिक, सामजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त किया है।
वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार  डॉ. राकेश ऋषभ ने कवि सत्येन्द्र नाथ मतवाला को इन पंक्तियों के माध्यम से श्रद्धाजलि दी है-
मतवाला जी का हुआ निधन
दुःखी हो गया मेरा अंतर्मन
साहित्य रस का तू मतवाला
अनुपम ऊर्जा अनुपम मस्ती वाला
वीरान हो गया साहित्य जगत
तू साहित्य सेवा में था रत
सूनी हों गयी बस्ती की गलियां
मुरझा गयीं नव पुष्पपित कलियाँ
धन्य धन्य वह धरती माता
जिसके गीत सदा तू गाता
बस्ती की तू हस्ती था
साहित्य सागर की तू कश्ती था
कितने नव नाविक पार हों गए
तेरे सहारे उद्धार हों गए
तू  सबका रखवाला था
तू साहित्य सेवा का मतवाला
तू बस्ती का एक उजाला था
रूप तो ये क्षणभंगुर है
पर तेरा नाम अमर है
एक साहित्य दीपक का बुझ जाना
आगे की यात्रा पर जाना
प्रिय लोगो को खलता है
ज़ब कोई सूरज ढलता है
पर ये तो नियम अटल है
नियति तो सदा प्रबल है
ये धरती एक मुसाफिर खाना है
यहाँ तो सबको आना जाना है
तेरे लिए खुले स्वर्ग के द्वार
मेरा अंतिम नमस्कार!
      डॉ. राकेश ऋषभ

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