जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर की अध्यक्षता में वृहद वृक्षारोपण महाअभियान कार्यक्रम का आयोजन

वृक्ष हमारी प्राण रक्षा के लिये आवश्यक आक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करते हैं, अपने घरों में भी कम से कम एक पौधा अवश्य लगायें-जनपद न्यायाधीश
वृक्ष मानव का जीवन सहचर है वृक्षारोपण से प्रकृति का संतुलन बना रहता है-प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय

अम्बेडकर नगर। उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के कम में पदम नारायण मिश्र,जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर की अध्यक्षता में  दिनांक 22.07.2023 को 10 बजे से जनपद न्यायालय परिसर, अम्बेडकरनगर में वृहद वृक्षारोपण महाअभियान कार्यक्रम का आयोजन काविड- 19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए जारी दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत किया गया। वृक्षारोपण महाअभियान कार्यक्रम में रत्नेश मणि त्रिपाठी, अपर जिला जज, प्रथम, आशीष वर्मा, विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो अधिनियम, श्रीमती नेहा आनन्द विशेष न्यायाधीश एस०सी०/ एस०टी० एक्ट अभिषेक कुमार श्रीवास्तव, अपर जिला जज, द्वितीय  कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्रीमती पूनम सिंह। अपर जिला जज, तरित-द्वितीय, श्रीमती प्रियंका सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, शैलेश कुमार मौर्य, (सी०डि०) त्वरित / ए०सी० जे०एम०. आतिफ सिद्दीकी, सिविज जज, ( जू०डि०) - टाण्डा, ज्योत्सना मणि यदुवंशी, सिविल जज ( जू० डि०)  गार्गी न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती अर्शी नूर, अपर सिविल जज ( जू०डि) प्रथम, श्रीमती मीनाक्षी यादव, अपर सिविल जज ( जू०डिक) द्वितीय, मेघा चौधरी, सिविल जज ( जू०डि) त्वरित प्रथम एवं अभिषेक सिंह, सिविल जज ( जू० डि0) त्वरित ने वृक्षारोपण कार्यक्रम में उपस्थित होकर वृक्षारोपण किया तथा अपना सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
इसके अतिरिक्त पुरानी कचहरी, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में स्थित पारिवारिक न्यायालय में आदिल आफताब अहमद, प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय द्वारा वृक्षारोपण किया गया एवं उपस्थित सभी को वृक्षारोपण हेतु प्रोत्साहित किया गया।
वृहद वृक्षारोपण में पद्म नारायण मिश्र जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी को वृक्षारोपण हेतु प्रोत्साहित किया गया तथा वृक्षारोपण के महत्व के विषय पर बात करते हुये कहा कि वृक्षों के संरक्षण के लिये यह अत्यंत आवश्यक है कि हम सभी वृक्षों की उपयोगिता को गंभीरता से समझें जब हम वन का नाम लेते हैं तब हमारी आंखों के समक्ष तरह-तरह के हरे-भरे चित्र उमरने लगते हैं, मात्र यह सोचना गलत है कि बन केवल लकड़ी की खाने हैं, वे हमारी प्राण रक्षा के लिये आवश्यक आक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करते हैं, विशेषकर कोविड-19 महामारी के दौरान आक्सीजन की कमी से उत्पन्न हुई विकट स्थिति से यह समझ आया कि वृक्षों का हमारे जीवन में कितना महत्व है एवं इसलिये वृक्षों का संरक्षण अति आवश्यक है। जनपद न्यायाधीश द्वारा उपस्थित समस्त कर्मचारीगण से अपील की गई कि वे अपने अपने घरों में भी कम से कम एक पौधा अवश्य लगायें।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में बोलते हुये आदिल आफताब अहमद, प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय ने कहा कि वृक्ष मानव का जीवन सहचर है वृक्षारोपण से प्रकृति का संतुलन बना रहता है, वृक्ष अगर न हो तो नदियां नः ही जल से भरी होंगी और न ही वृक्षों की जड़ों से वर्षाऋतु का जल धरती के अन्दर पहुंचेगा, यही जल स्त्रोतों में गमन करके हमें अपर जल राशि प्रदान करता है। वृक्षारोपण हमारे जीवन को सुखी, संतुलित बनाये रखने के लिये तथा जीवन में राहत और सुख-चैन पाने के लिये अति आवश्यक है।
 कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा वृक्षों के महत्व पर प्रकाश डालते हुये बताया कि अंधाधुंध वनों की कटाई के कारण भूमिगत जल का स्तर बहुत नीचे चला गया है इस कारण अब न सिर्फ सिंचाई बल्कि पीने के पानी का भी संकट उत्पन्न हो गया है। इसलिये हम सब की यह विशेष जिम्मेदारी है कि हम वृक्षों का ध्यान रखें, उनकी देखभाल करें तथा नये वृक्ष लगाने पर जोर दें जिससे प्रकृति का संतुलन बना रहे।
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