विधिक साक्षरता/ जागरूकता शिविर में महिलाओं को कानूनी अधिकार के सम्बन्ध में दी गयी जानकारी

बस्ती। शुक्रवार को आयोजित विधिक साक्षरता, जागरूकता शिविर  में वक्ताओें ने कानूनी अधिकार के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दिया। बताया कि महिलाओं को भी समान काम के लिए समान वेतन पाने का अधिकार है।
      राष्ट्रीय  विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के  तत्वाधान में उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं  जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुलदीप सक्सेना के निर्देशानुसार  रजनीश कुमार मित्र, अपर जिला जज ,  पूर्णकालिक सचिव , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,के द्वारा महिलाओं के हित संरक्षण कानून विषय पर विकास खण्ड, हर्रैया के सभागार में महिलाओं को जागरूक किये जाने के सम्बन्ध में विधिक साक्षरता, जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
अपर जिला जज, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर को सम्बोधित करते हुए कहा कि जन साधारण में कानून की जानकारी आवश्यक है। उन्होंने महिलाओं से सम्बन्धित कल्याणकारी कानूनों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि महिलाओं को घरेलू हिंसा के विरूद्ध कानूनी उपचार प्राप्त है। इसी प्रकार यदि कोई अपनी पत्नी का भरण पोषण नहीं करता है तो पीड़ित पत्नी को अपने पति के विरूद्ध भरण पोषण प्राप्त करने का अधिकार है।
श्रम प्रवर्तन अधिकारी  इकबाल अहमद ने श्रम कानूनों से सम्बन्धित जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए उनके पुत्रियों के विवाह व उनकी शिक्षा, शौचालय आदि के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी समान काम के लिए समान वेतन पाने का अधिकार है। उन्होंने अटल श्रमिक विद्यालय के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि इसमें श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। बाल महिला संरक्षण   अधिकारी बीना सिंह ने महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विशेषकर बालिकाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
     इस अवसर प्रभारी  चिकित्साधिकारी डा० रंजू कन्नौजिया ने महिलाओं में सर्वाइकल कैन्सर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं से सम्बन्धित ऐसी बीमारियाँ हैं जिनमें महिलाएं शर्म के कारण छिपाती हैं । उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैन्सर का इलाज सम्भव है। इसकी जाँच निःशुल्क रूप से महिला जिला चिकित्सालय बस्ती में उपलब्ध है। उपनिरीक्षक हर्रैया कमलेश यादव ने  बताया कि महिलाओं की सुरक्षा एवं सहायता के लिए थाने में महिला हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि किसी संकट के समय महिलाएं 112 नम्बर डायल करके पुलिस की सहायता प्राप्त कर सकती हैं। चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल  कौशल किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे निरूद्ध बन्दी जो किसी आपराधिक मामलें में निरूद्ध हैं लेकिन उनके पास आर्थिक कारणों से निजी अधिवक्ता के जरिए मुकदमें की पैरवी नहीं करा सकते हैं ऐसे लोगों को उनके मुकदमें में निःशुल्क जमानत व विचारण के स्तर पर लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल में नियुक्त   अधिवक्ताओं द्वारा निःशुल्क पैरवी की जा रही है।
      रिसोर्स पर्सन श्रीमती मीना सिंह एवं अविनाश मिश्रा नें पारिवारिक कानून में घरेलू हिंसा, विवाह व विच्छेद, न्यायिक विवाह विच्छेद व सम्पत्ति में महिलाओं के अधिकार के बारे में जानकारी दिया। विशेष लोक अभियोजक  अरूण कुमार श्रीवास्तव ने महिलाओं के प्रति क्रूरता, दहेज हत्या अपहरण व बच्चों के प्रति होने वाले लैंगिक भेद-भाव व होने वाले अपराध के सम्बन्ध में जानकारी दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं मध्यस्थ अजमत अली सिद्दीकी ने मध्यस्थता एवं सुलह समझौते के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विवादों का निपटारा मध्यस्थता के माध्यम से सरलता पूर्वक हल किया जा सकता है। उन्होंनें ने पक्षकारों से विवादों का हल सुलह समझौते व मध्यस्थता के माध्यम से हल करने पर जोर दिया। महिलाओं को उनके अधिकारों की जागरूकता से सम्बन्धित एडमिनिस्ट्रेटिव किट, पैम्पलेट, बुकलेट आदि का भी वितरण किया गया। इस अवसर पर  महिलाएं, स्थानीय पत्रकार, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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