चित्रगुप्त मंदिर में चल रहे सामूहिक रूद्राभिषेक में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने रूद्राभिषेक किया

 रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से साधक में शिवत्व का उदय होता है,  सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं- आचार्य अरविन्द कुमार पाण्डेय
बस्ती। पुरूषोत्तम अधिकमास मेें वेदगर्भा वैदिक अनुसंधान एवं  संवर्धन न्यास  के अध्यक्ष आचार्य अरविन्द कुमार पाण्डेय के संयोजन में  चित्रगुप्त मंदिर धर्मशाला रोड के सभागार में चल रहे सामूहिक रूद्राभिषेक के तीसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने रूद्राभिषेक किया। विद्वान आचार्यो ने विधि विधान से सदाशिव का अभिषेक सम्पन्न कराया।  यह आयोजन 26 जुलाई तक प्रातः 7 बजे से पूजा पूर्ण होने तक चलेगा।
आचार्य अरविन्द कुमार पाण्डेय ने बताया कि प्रातः 7 बजे से गंगोत्री के जल से पार्थिक शिवलिंग एवं नर्वदेश्वर लिंग पर वैदिक विद्वानों द्वारा सामूहिक  रूद्राभिषेक सम्पन्न कराया जा रहा है। आचार्य अरविन्द ने कहा कि रुद्र अर्थात भूतभावन शिव का अभिषेक। शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही ‘रुद्र’ कहा जाता है, क्योंकि रुतम-दुःखम, द्रावयति- नाशयतीतिरुद्रः यानी भोले सभी दुःखों को नष्ट कर देते हैं। बताया कि हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दुःखों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का शुभाशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वतः हो जाती है।
सामूहिक रूद्राभिषेक को सम्पन्न कराने में अयोध्या प्रसाद पाण्डेय, आचार्य सदाशिव मिश्र, मणि प्रकाश पाण्डेय, श्रवण मिश्रा,  सूर्यकान्ता चार्य, राजा बाबू त्रिपाठी,जगदीश मिश्रा,सुभाष शुक्ला,अजय कुमार श्रीवास्तव,सौरभ सिन्हा,धीरज सरीन,अनुराग शुक्ला,अजीत श्रीवास्तव, सलिल श्रीवास्तव, अपराजिता सिन्हा, जितेन्द्र कौशल सिंह, साधना सिंह नम्रता श्रीवास्तव,सुमन श्रीवास्तव, विनीता सरीन  आदि ने योगदान दिया। 

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