प्रकृति से जुड़ाव सुकून और सेहत भरी जिन्दगी का कराता है एहसास- कर्नल केसी मिश्र

-नेचर विथ कनेक्ट के साथ विश्व पर्यावरण दिवस पखवाड़े का किया किया समापन  
-नेशनल अवार्डी किसान राम मूर्ति मिश्र नें बच्चों को पाली हाउस, नेट हाउस, ग्रीन हाउस, एकीकृत खेती, वर्मी कम्पोस्ट, कड़कनाथ मुर्गा, ब्लैक अमरूद, सेब , रंगीन आम के पौधे, फालसा, अंजीर, आडू, चेरी, आदि के फलों के बारे में जानकारी दिया, पौधों को नजदीक से देखने और प्रकृति को समझने का अच्छा अवसर उपलब्ध कराया.

बस्ती। विश्व पर्यावरण दिवस के तहत संयुक्त राष्ट की तरफ से इस साल विशेष थीम की घोषणा की गई है. इस साल के लिए थीम बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन घोषित किया गया है, जो कि प्लास्टिक कचरे के निपटारे के समाधान खोजने पर जोर देता है. जिसको लेकर विश्व युवक केंद्र नई दिल्ली के सहयोग से युवा विकास समिति द्वारा जागरूकता पखवाड़े का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया गया. इसी क्रम में स्कूली बच्चों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने व प्लास्टिक उपयोग में कमी लाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र और कर्नल केसी मिश्र के जैविक फार्म का भ्रमण करा प्रकृति के प्रति संवेदित किया गया।  इस मौके पर कर्नल केसी मिश्र द्वारा बच्चों को पेड़ पौधों के महत्व को बताते हुए वृक्षारोपण हेतु प्रेरित किया गया. उन्होंने बच्चों को शहरी जीवन से इतर प्रकृति से जुड़ने का टिप्स दिया. साथ ही पर्यावरण एवं प्रकृति को लेकर आचार्य नरेंद्र कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में हो रहे शोध को समझने का मौका भी उपलब्ध कराया .
इस मौके पर नेशनल अवार्डी किसान राम मूर्ति मिश्र नें  बच्चों को पाली हाउस, नेट हाउस, ग्रीन हाउस, एकीकृत खेती, वर्मी कम्पोस्ट, कड़कनाथ मुर्गा, ब्लैक अमरूद, सेब , रंगीन आम के पौधे, फालसा, अंजीर, आडू, चेरी, आदि के फलों के बारे में जानकारी देकर उन पौधों को नजदीक से देखने और प्रकृति को समझने का अच्छा अवसर उपलब्ध कराया.योग गुरु गरुणध्वज पाण्डेय नें ढैंचा, रंग बिरंगे फूल, सोलर पंप, बरबरी बकरी, हल्दी, एजोला आदि के बारे में जानकारी देते हुए प्राकृतिक कृषि, जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक किया. वेद कुमार आर्य नें कहा कि प्लास्टिक कचरा अब विश्वव्यापी समस्या है. यहां तक कि अंटार्कटिक भी इससे अछूता नहीं है। गहरे समुद्र में भी लाखों टन प्लास्टिक कचरा है, जो विज्ञानियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है. इसके साथ ही एक बड़ी चुनौती अंतरराष्ट्रीय ढांचे में कार्यान्वयन है।
इस मौके पर माधुरी नें कहा की विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगों में पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीनहाउस प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल प्रभाव आदि के बारे में जागरूक करना है. विशाल पाण्डेय नें अधिकाधिक पौधरोपण पर जोर दिया. इस दौरान अदम्य, तुलिका, हर्ष देव, सार्थक श्रीवास्तव, नवीन श्रीवास्तव, नैतिक श्रीवास्तव, मनीष आर्य, आरूष चौधरी, निर्भय किशोर चौधरी, नवल किशोर चौधरी, प्रिशा साहनी, मानव साहनी, वेदांशी मेंहदीरत्ता, दीपक पाहवा, मिशिका मेहंदी रत्ता आदि नें प्रकृति को नजदीक से देखा और समझा. इसी के साथ संस्था द्वारा चलाये जा रहे विश्व पर्यावरण दिवस पखवाड़े जागरूकता पखवाड़े का समापन किया गया.

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