जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अभिनव पहल के तहत आकांक्षात्मक ग्राम पंचायतों का चयन

जिलाधिकारी के अनूठे प्रयास से जनपद में वन ब्लॉक वन प्रोडक्ट के तहत आकांक्षात्मक विकास खंडों का आर्थिक रूप से, सामाजिक रुप से समृद्ध करने का निर्णय लिया गया
अम्बेडकर नगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप चिकित्सा एवं पोषण, शिक्षा, कृषि ,वित्तीय समावेशन, कौशल विकास सहित 14 विभागों के 75 इंडिकेटर तय किए गए हैं। इसके आधार पर पिछड़े क्षेत्र के विकास की कोशिश की जा रही। इस तरह से प्रदेश में आकांक्षात्मक विकास खंड का चयन किया गया है। इसी तर्ज पर जिलाधिकारी अंबेडकरनगर अविनाश सिंह की अभिनव पहल पर जनपद के प्रत्येक विकास खंड में से 75 इंडिकेटर के अनुरूप सबसे नीचे के 11-11 ग्राम पंचायतों को आकांक्षात्मक ग्राम पंचायतों (आत्म निर्भर ग्राम पंचायत) के रूप में चयन किया गया। इस प्रकार से कुल 9 विकास खंडों में से 99 ग्राम पंचायतों का चयन आकांक्षात्मक ग्राम पंचायतों के रूप में किया गया है।जिस प्रकार से वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना के तहत एक प्रोजेक्ट का चयन किया जाता है उसी प्रकार से जिलाधिकारी के अनूठे प्रयास से जनपद में वन ब्लॉक वन प्रोडक्ट के तहत आकांक्षात्मक विकास खंडों का आर्थिक रूप से, सामाजिक रुप से समृद्ध करने का निर्णय लिया गया है।
उदाहरण के लिए आकांक्षात्मक विकासखंड भीटी में गन्ने की पैदावार अधिक होती है अतएव गन्ने के रस से बनने वाले गुड़ को वन ब्लॉक वन प्रोडक्ट-भीटी के तहत चयनित कर मिठाई के विकल्प के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी प्रकार से टांडा विकासखंड में वन ब्लॉक वन प्रोडक्ट के तहत टांडा टैक्सटाइल फैब्रिक का चयन किया गया है।इसी प्रकार वन ब्लॉक वन टूरिज्म स्पाट के तहत टांडा में पुंथर झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है जिसके तहत यहां से माह में लगभग रू0 1 लाख आय प्रारंभ हो गई है।इन पिछड़े विकास खंडों को विकसित करने हेतु शासन द्वारा स्वास्थ्य व पोषण ,शिक्षा ,कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन ,कौशल विकास व आधारभूत ढांचा इत्यादि विभिन्न इंडिकेटर्स तय किए गए हैं। इन विकास खंडों को आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से और अधिक मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से कुछ नए इंडिकेटर को भी शामिल किया गया है, जैसे पर्यटन को उद्योग धंधों के रूप में जोड़ना तथा रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना,मत्स्य पालन ,परंपरागत तरीके से की जा रही कृषि के साथ नई वैज्ञानिक रीति से व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देना, एफ पी ओ बनाना, पट्टा आवंटन, प्रोग्रेसिव फार्मर्स को बढ़ावा देना आदि। इससे आत्मनिर्भर भारत के साथ साथ (लोकल से ग्लोबल)( वोकल फॉर लोकल) के सपनों को साकार करेगा। देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने का संकल्प भी पूरा होगा।

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