भव्य रहा क्षत्रिय समागम, देश के क्षत्रिय कुलभूषण हुए सम्मानित

क्षत्रियों के अतीत व वर्तमान पर किया गया व्यापक चिन्तन
राष्ट्र रक्षा के लिए कृत संकल्पित है क्षत्रिय समाज - बाबा हरदेव सिंह

(जितेन्द्र पाठक) संतकबीरनगर। क्षत्रिय समाज पुरातन समय से लेकर वर्तमान तक बिना किसी स्वार्थ के राष्ट्र व समाज की रक्षा के लिए जो कार्य किया है वह आज भी पाथेय है। क्षत्रिय समाज ने कभी भी कोई कार्य ऐसा नहीं किया जिसमें उसका कोई स्वार्थ हो। हमेशा उसने अपना जीवन दूसरों के लिए समर्पित किया है। यह परम्परा निरन्तर चलती रहेगी। जब भी देश के सम्मान पर आंच आई उस समय क्षत्रिय हमेशा अपने बाहुबल के साथ सामने आए और देश को एक नई दिशा दी। उसके बदले में न समाज से कुछ लिया और न ही कभी किसी भी चीज की अपेक्ष ही की है। आगे भी यह चलता रहेगा। समाज को क्षत्रियों के इस बलिदान को कभी भूलना नहीं चाहिए।
यह बातें पीसीएस संघ के अध्यक्ष रहे कुशल प्रशासक व क्षत्रिय स्वाभिमान के प्रतीक बाबा हरदेव सिंह ने क्षत्रिय महासभा राजपूत समाज अखण्ड भारत के तत्वावधान में जिला मुख्यालय के कृष्णा पैलेस में आयोजित क्षत्रिय समागम के दौरान उपस्थित रक्तबन्धुओं को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि कही।
कार्यक्रम के आयोजक राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र सिंह, प्रदीप सिंह सिसौदिया, श्रीनरायन सिंह कौशिक, राघवेन्द्र सिंह व राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह परमार की अगुवाई में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में देश के कोने कोने से क्षत्रिय समाज के लोग आए हुए थे। चाहे वह राजस्थान की माटी हो या फिर दिल्ली, कुरुक्षेत्र, हल्दीघाटी या फिर हरियाणा। हर जगह से क्षत्रिय रक्तबन्धु आए हुए थे। सभी ने इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न बातों पर चिन्तन किया।
क्षत्रित्व की वृहद परम्परा को आगे बढ़ाने वाले अखिल भारतीय राजपूत विकास समित के प्रचार प्रसार मन्त्री ठाकुर जतनपाल सिंह, एक्स कमाण्डेण्ट जेबीएस राना, जगदीश सिंह राधा, राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव मध्यप्रदेश, प्रदेश अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह, दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अर्चना सिंह, मध्यप्रदेश की अध्यक्ष रमा सिंह, बिहार राज्य की अध्यक्ष किरन सिंह, महिला सभा संतकबीरनगर की अध्यक्ष डॉ सोनी सिंह, सतीष मुढाढ संगठन मन्त्री, मैनपाल राघव, राष्ट्रीय संयोजक के साथ ही साथ इतने क्षत्रिय रणबाकुरे जुटे हुए थे कि पूरा हाल गरिमामय हो गया। इस दौरान लोगों की भीड़ और उनके चिन्तन को सुनकर कार्यक्रम के आयोजक काफी उत्साहित रहे। समय समय पर भगवान श्रीराम के नाम के उदघोष ने कार्यक्रम में रघुकुल परम्परा का भान कराया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह परमार ने किया। बिस्मिल के पौत्र समेत 501 क्षत्रिय शूरवीर हुए सम्मानित कार्यक्रम के दौरान क्षत्रित्व की परम्परा को आगे ले जाने वाले देश के क्षत्रिय शूरवीरों का हल्दीघाटी की रक्त रंजित मिट्टी का तिलक लगाकर तथा प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्रम देकर स्वागत किया गया। जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें विजेन्द्र सिंह तोमर स्व रामप्रसाद बिस्मिल के पौत्र, राजेश सिंह परमवीर चक्र विजेता नायक यदुनाथ सिंह के भतीजे , प्रमुख रुप से राजर्षि गांगेय हंस विश्वामित्र, बाबा हरदेव सिंह, पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश सुलखान सिंह, जितेन्द्र प्रताप सिंह पूर्व आईएएस, डॉ गुरु प्रसाद सिंह प्रोफेसर बीएचयू, डॉ शालिनी सिंह निरीक्षक, मृगेन्द्र सिंह शिव बाबा सिंगरा मऊ स्टेट, प्रीतू सिंह अहरा स्टेट, मान्धरा सिंह, पुष्कर सिंह अठदमा स्टेट, नीरज राठौर, संजय सिंह गौतम, अवधेश प्रताप सिंह, अलंकार सिंह, गोविन्द नारायण सिंह, डॉ गजेन्द्र सिंह, विक्रम राठौर संपादक, मूलचन्द्र सिंह चौहान, सतीश सिंह, करणी सेना के राकेश सिंह रघुनाथ, राधामोहन सिंह चौहान, दिनेश सिंह अन्तर्राष्ट्रीय पहलवान के साथ ही साथ अन्य लोगों को सम्मानित किया गया।
क्षत्रिय कलाकारों ने गाए जोश से भरे गीत इस कार्यक्रम के दौरान मौके पर मौजूद क्षत्रिय समाज के कलाकारों ने जब कार्यक्रमों की प्रस्तुति अपने जोश भरे अंदाज में की तो हाल में उपस्थित लोग झूम उठे। कार्यक्रम के दौरान गायिका अलका सिंह पहाड़िया ने अपनी पारम्परिक लोक गायकी से उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। उन्होने लोकरंग में डूबे हुए ऐसे गीतों की प्रस्तुति की कि लोग झूमने को मजबूर हो गए। कलाकारों के इस महासंगम में सुर संग्राम विजेता बलवन्त सिंह, संतोष कुमार सिंह पुष्कर, मनोहर सिंह तथा अन्य लोगों ने भगवान श्रीराम के नाम के उदघोष के साथ जब सुमधुर गीतों की प्रस्तुति की तो हाल में बैठे लोगों की भुजाएं फड़कने लगीं।

और नया पुराने