(जितेन्द्र पाठक) संत कबीर नगर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश लक्ष्मीकान्त शुक्ल की पूर्वानुमानित से तथा सचिव/न्यायिक अधिकारी हरिकेश कुमार के नेतृत्व में तालुका विधिक सेवा समिति मेंहदावल में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का मुख्य विषय भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार’ (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996 एवं कारखाना अधिनियम 1948 एवं अनुबन्धित मजदूर अधिनियम 1970 तथा असंगठित क्षेत्रों में मजदूरों से सम्बन्धित अन्य प्रासंगिक कानून था। शिविर का संचालन तालुका विधिक सेवा समिति की पदेन सचिव/ तहसीलदार निशा श्रीवास्तव ने किया। उन्होने बताया कि इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 है। इसका विस्तार सम्पूर्ण भारत पर है।
सरकारी एवं गैर सरकारी भवनों के निर्माण और अन्य निर्माण कार्यों में कार्यरत निर्माण कामगार द्वारा जिसने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो तथा अधिवर्षता आयु 60 वर्ष पूर्ण न किये हों, पूर्ववर्ती 01 वर्ष के दौरान कम से कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य किया हो वो अपना पंजीकरण करा सकता है, जो पंजीकरण की तिथि से आगामी 03 वर्ष हेतु वैध होगा। इसी क्रम में भारत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों/मजदूरों हेतु ई-श्रम कार्ड जारी किया जा रहा है। कोई भी श्रमिक जिसकी उम्र 18 से 59 वर्ष हो वो ई-श्रम कार्ड के लिए स्वयं अथवा कॉमन सर्विस सेन्टर से आवेदन कर सकता है। इन कानूनों के तहत मजदूरों के कल्याण से सम्बन्धित नियम हैं जिनके अनुसार नियोजक उनसे कोई ऐसा कार्य नहीं करा सकते जिसमें उनकी जान का जोखिम हो। यदि किसी मजदूर का नियोक्ता द्वारा पारिश्रमिक नहीं दिया जाता था उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है तो वह विधिक सेवा प्राधिकरण से विधिक सलाह प्राप्त कर सकता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा तहसील स्तर पर तहसीलदार से सम्पर्क किया जा सकता है। इस अवसर पर तालुका विधिक सेवा समिति के पैनल अधिवक्ता राम प्रसाद पाठक, बी0डी0 राय, लक्ष्मीकान्त पाठक, महेश्वरी प्रसाद, हरगोविन्द राय, पराविधिक स्वयं सेवकों में जितेन्द्र तथा सुरेशचन्द्र समेत अन्य मजूदर एवं श्रमिकगण मौजूद रहे।
सरकारी एवं गैर सरकारी भवनों के निर्माण और अन्य निर्माण कार्यों में कार्यरत निर्माण कामगार द्वारा जिसने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो तथा अधिवर्षता आयु 60 वर्ष पूर्ण न किये हों, पूर्ववर्ती 01 वर्ष के दौरान कम से कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य किया हो वो अपना पंजीकरण करा सकता है, जो पंजीकरण की तिथि से आगामी 03 वर्ष हेतु वैध होगा। इसी क्रम में भारत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों/मजदूरों हेतु ई-श्रम कार्ड जारी किया जा रहा है। कोई भी श्रमिक जिसकी उम्र 18 से 59 वर्ष हो वो ई-श्रम कार्ड के लिए स्वयं अथवा कॉमन सर्विस सेन्टर से आवेदन कर सकता है। इन कानूनों के तहत मजदूरों के कल्याण से सम्बन्धित नियम हैं जिनके अनुसार नियोजक उनसे कोई ऐसा कार्य नहीं करा सकते जिसमें उनकी जान का जोखिम हो। यदि किसी मजदूर का नियोक्ता द्वारा पारिश्रमिक नहीं दिया जाता था उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है तो वह विधिक सेवा प्राधिकरण से विधिक सलाह प्राप्त कर सकता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा तहसील स्तर पर तहसीलदार से सम्पर्क किया जा सकता है। इस अवसर पर तालुका विधिक सेवा समिति के पैनल अधिवक्ता राम प्रसाद पाठक, बी0डी0 राय, लक्ष्मीकान्त पाठक, महेश्वरी प्रसाद, हरगोविन्द राय, पराविधिक स्वयं सेवकों में जितेन्द्र तथा सुरेशचन्द्र समेत अन्य मजूदर एवं श्रमिकगण मौजूद रहे।
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