- 34.82 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग, विभिन्न योजनाओं से जोड़ेगी सरकार
- योग्यता व स्किल के अनुसार प्रदेश के विकास में अहम् योगदान देंगे कामगार
जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर। कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में किये गए लॉक
डाउन के बाद बरसों-बरस की रोजी-रोजगार को छोड़कर विभिन्न राज्यों और शहरों
से खाली हाथ घरों को लौटे करीब 35 लाख प्रवासी कामगारों के जीवन में नया
सवेरा लाने की तैयारी तेजी से चल रही है । इन प्रवासी कामगारों की सबसे बड़ी
ताकत बनकर सामने आये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनकी तात्कालिक
परिस्थितियों को भांपते हुए फौरी तौर पर राहत पहुंचाने के साथ ही प्रदेश
में ही उनके सुनहरे भविष्य का जो सपना संजोया था, उस सपने को साकार करने की
दिशा में विभागीय अधिकारी दिन-रात जुटे हैं ।
अपर
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कहना है कि प्रवासी कामगारों को प्रदेश में
ही रोजगार मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है । इसे देखते
हुए सभी संभावित क्षेत्रों में अवसर की तलाश को लेकर पूरी शिद्दत के साथ
कार्य किया जा रहा है । प्रदेश में वापस आये कामगारों में से 34.82 लाख की
स्किल मैपिंग का काम पूरा हो चुका है । अब इनकी योग्यता और स्किल के
मुताबिक़ प्रदेश के विकास में इनके महत्वपूर्ण योगदान को तय करने के बारे
में कार्य किया जा रहा है । विभागवार इनकी तादाद भी निर्धारित हो चुकी है ।
स्किल मैपिंग में करीब 18.10 लाख प्रवासी श्रमिक अकुशल श्रेणी में पाए गए
हैं । इनको प्रशिक्षित करने में अब व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास मिशन
की भी मदद ली जा रही है ताकि इनको विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षित कर बेहतर
रोजगार व आजीविका का अवसर मुहैया कराया जा सके ।
प्रदेश
के अपर मुख्य सचिव व्यासायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को इस सम्बन्ध
भेजे गए एक पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा
संचालित विभिन्न योजनाओं में इन प्रवासी श्रमिकों को प्राथमिकता देने की
आवश्यकता है । इसके साथ ही प्रशिक्षण की योजनाओं के प्रचार-प्रसार में
प्रवासी श्रमिकों पर विशेष ध्यान दिया जाना है । जिलों में जनपद स्तरीय
कौशल विकास समिति द्वारा भी जिला स्तर पर तैयार की जाने वाली कार्य योजनाओं
में प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना को शामिल
किया जाए। कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित किये जाने वाले रोजगार मेलों में
भी प्रवासी श्रमिकों को शामिल किया जाए ताकि शासन की अपेक्षा के मुताबिक़
इस कार्य को जल्द से जल्द परवान चढ़ाया जा सके । प्रवासी श्रमिकों को
योजनाओं से जोड़ने के लिए कुछ जरूरी संशोधन भी किये जा रहे हैं, जैसे-
विभागीय पोर्टल पर प्रशिक्षु नामांकन फ़ार्म में संशोधन करते हुए ‘प्रवासी
श्रमिक’ विकल्प को जोड़ने को कहा गया है ताकि इनकी प्रगति की समुचित निगरानी
संभव हो सके ।
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