- आम जनमानस की खुशहाली के लिए खुद को समर्पित कर रहे दरियादिल शहंशाह डॉ0 उदय प्रताप चतुर्वेदी
जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर। लगातार जिले का ताबड़तोड़ दौरा कर सभी जरूरत मंदो की मदद करने वाले समाजसेवी डॉ0 उदय के राजनीतिक क्षेत्र में आने से सियासत दानों के माथे पर पसीना आना शुरू हो गया है। डॉक्टर उदय पंचायत चुनाव में रिंग मास्टर साबित हो गए है जिसके बाद चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अब डॉक्टर उदय को राजनीतिक बड़े चेहरे के रूप में देखना चाहते है । डॉक्टर उदय का बेहतर कार्य आज जिले के लिए एक मिशाल साबित हो रहा है।
कबीर की मिट्टी मे जब किसी के जीवन यापन का खतरा मंडराया तो खड़े हुए सूर्या के एमडी, जब किसी अनाथ बेटी के हाथ पीले होने मे संकट खड़ा हुआ तो सामने आया पूर्वांचल के मालवीय का सपूत, जब किसी गरीब का आशियाना बनाना हुआ तो डा उदय प्रताप चतुर्वेदी ने अपनी संकल्पता दिखाई, जब अनाथ हुए मासूमों के चेहरे पर मुस्कान लाना हुआ तो जिम्मेदारी उठाई ‘चतुर्वेदी विला’ की संवेदनशीलता के प्रतीक डॉ0 उदय प्रताप चतुर्वेदी ने। जी हां बिना किसी संवैधानिक पद पर आसीन हुए बिना भी आम जनमानस की खुशहाली के लिए खुद को समर्पित करने वाले इस दरियादिल शहंशाह ने दो दशक पुरानी यादें भी ताजा कर दिया।
जब हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रतीक कबीर की इस धरती पर कोरोना के चलते संकट मंडराया तो भिटहा के इस सपूत ने भरी दोपहरी मे जरूरतमंद परिवारों को राहत पहुंचाया। वर्षों से राजनीतिज्ञों के सियासी चोंचलों पर थिरकने को विवश एक गरीब ब्राह्मण की टपकती फूस की क्षतिग्रस्त आशियाने ने इस युवा स्तंभ को कुछ यूं विचलित किया कि चन्दापार के दिलीप मिश्रा का चमकता महल बन कर तैयार हो गया। रौजा की गरीब और बेबस बिटिया की शादी जब लकड़हारे पिता की असमय मौत से खतरे मे पड़ी तो बेटी के अरमान पूरा करने के लिए डा चतुर्वेदी आगे आये। अनाथ हुए मासूम बच्चों के दर्द का अहसास इस अनमोल व्यक्तित्व को झकझोर गया।
डॉ0 चतुर्वेदी ने जरूरतमंद और पीडित तबके की न सिर्फ खुद मदद किया है बल्कि अपने सहयोगियों को लगातार इस तरह के कर्म के लिए प्रेरित करते रहते है। अब आवाम भी जिले की झण्डाबरदार राजनीति से लगभग ऊब सी गई है। बार बार छली जाने वाली आवाम आगामी पंचायत चुनाव मे लफ्जबाजी को ठोकर मार कर्त्तव्यनिष्ठा पर भरोसा करने का मन बना रही है। युवा बाहुल्य भारत देश मे शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, व्यवसाय से लगायत अब सियासत भी युवाओं के ही मजबूत कंधों पर सवार होती दिख रही है। अपने जुनून और संकल्पता की बदौलत इस युवा आईकान ने पहले शिक्षा के क्षेत्र मे ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल किया फिर अपनी संवेदनशीलता और सेवाभाव के जरिये लोगों के दिलों से गुजर कर समाजसेवा के शीर्ष पायदान पर भी खुद को स्थापित किया। ऐसे मे इस संवेदनशील व्यक्तित्व के पंचायत चुनाव मे उतरने की चल रही सुगबुगाहट जिले की पंचायती राज व्यवस्था मे भी ऐतिहासिक परिवर्तन की छाप छोड़ सकती है।
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