- जिले के हर सेण्टर पर प्रतिदिन 15 से 20 मरीजों का हो रहा है इलाज
- फॉलो अप होने से भी लोग हो रहे हैं जागरूक
- जिले में खलीलाबाद, सांथा, सेमरियांवा, नाथनगर, हैसर व मेंहदावल सीएचसी में टेलीमेडिसिन के जरिए इलाज की व्यवस्था
जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर। इलाज के लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था पहले लोगों की समझ में नहीं आ रही थी, लेकिन अब लोगों में इसके प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है। पहले जहां जिले में बनाए गए टेलीमेडिसिन सेण्टर्स महीने में 20 मरीजों तक के लिए तरसते थे, वहीं अब प्रतिदिन 15 से 20 मरीज हर सेण्टर पर देखे जा रहे हैं। कारण यह है कि मरीज यहां से मिलने वाले परामर्श के जरिए ठीक हो रहे हैं। टेलीमेडिसिन की सेवा के जरिये अभी तक 11,115 मरीज देखे जा चुके हैं।
इलाज के लिए लोगों की टेलीमेडिसिन सेवा के प्रति जागरुकता बढ़ी है। जिले में खलीलाबाद, सांथा, सेमरियांवा, नाथनगर, हैसर व मेंहदावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में टेलीमेडिसिन के जरिए इलाज की व्यवस्था है। अस्पताल में अगर कोई चिकित्सक नहीं होता है तो मरीजों को इलाज के लिए पहले टेलीमेडिसिन सेण्टर को ही रेफर करते हैं। कोरोना काल के शुरूआत के बाद से सेण्टर पर आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। पहले की अपेक्षा अब मरीज अधिक आ रहे हैं , सेण्टर के द्वारा मरीजों को ऑनलाइन लखनऊ सेण्टर में बैठे हुए चिकित्सकों को रेफर कर दिया जाता है। वहां से चिकित्सकों को ऑनलाइन सारी सूचनाएं दी जाती हैं। यहां से मरीज की उंचाई, वजन, ब्लड प्रेशर, हार्टबीट के साथ ही ईसीजी तक को चिकित्सकों तक पहुंचा दिया जाता है। सारा आंकलन करने के बाद चिकित्सक उस मरीज के लिए आवश्यक दवाएं लिखते हैं। उनका प्रिंट आउट निकाल कर रोगी को दे दिया जाता है, जिसको वह अस्पताल के दवा वितरण केन्द्र से ले लेते हैं। चिकित्सक उन्हें जब अगली डेट पर बुलाते हैं तो वह पहुंचते हैं जिससे उनका फॉलोअप होता है। नियमित तौर पर मरीज भी इलाज के लिए पहुंचते हैं। खलीलाबाद सेण्टर पर इलाज के लिए पहुंची 58 वर्षीया सरस्वती देवी के सर तथा घुटने में दर्द था। आंख की जांच के लिए वहां पर पहुंची तो चिकित्सक ने उन्हें सर तथा पैर दर्द के लिए टेलीमेडिसिन सेण्टर पर भेज दिया। वहां पर उनकी जांच के बाद चिकित्सक ने सीधे उनसे आनलाइन बात की और कुछ जांच लिखा। स्टाफ नर्स वन्दना सिंह बताती हैं कि जांच रिपोर्ट आने के बाद फिर से पैनल के चिकित्सकों को दिखाई जाएगी तथा उसी केहिसाब से वे दवा लिखेंगे। इसके अतिरिक्त वह नियमित तौर पर मरीजों का फॉलोअप करती रहती हैं।
सिद्ध हो रही है सार्थकता
टेलीमेडिसिन सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. मोहन झा बताते हैं कि जिले में स्थित 6 टेलीमेडिसिन सेण्टर्स पर इमरजेंसी मरीजों को छोड़कर हर तरह की बीमारियों का इलाज हो रहा है। ऑनलाइन चिकित्सक मरीजों की समस्याओं को सुनते हैं तथा उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। टेलीमेडिसिन के कर्मचारी निरन्तर मरीजों को बेहतर सेवा देने का कार्य कर रहे हैं। चिकित्सक भी ऐसी बीमारियों, जिनका इलाज टेलीमेडिसिन के जरिए संभव है, उसके लिए उन्हें वहीं रेफर कर देते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक उन्हें बेहतर परामर्श देते हैं।
लोगों को बढ़ा है झुकाव – विश्वनाथ प्रताप सिंह
जिले में टेलीमेडिसिन सेवा के संतकबीरनगर व बस्ती जनपद के समन्वयक विश्वनाथ प्रताप सिंह बताते हैं कि कोरोना काल के दौरान लोगों का झुकाव टेलीमेडिसिन की तरफ बढ़ा था। उस दौर में यह पूरी तरह से सुरक्षित भी थी। प्रतिमाह हर सेण्टर पर रोज 10 से 15 मरीजों का इलाज किया जाता था। अब तो स्थिति यह है कि रोज औसतन 15 मरीज से ज्यादा आते हैं। दक्ष कर्मचारी नियमित तौर पर लोगों के इलाज में उनकी सहायता कर रहे हैं।
इन रोगों का होता है इलाज
सेवा के जिला समन्वयक बताते हैं कि इस सेण्टर पर हड्डी रोग, बच्चों के रोग, स्किनडर्मा, स्त्री व प्रसूति रोग, थायराइड, ब्लड प्रेशर, सुगर, घुटने में दर्द आदि के साथ ही साथ अन्य साधारण बीमारियों का इलाज होता है।
जिले की 6 सीएचसी में है व्यवस्था
जिले के छह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में टेलीमेडिसिन सेण्टर्स की व्यवस्था की गई है। जिला मुख्यालय पर खलीलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर टेलीमेडिसिन की शुरुआत सितंबर 2019 में हुई थी, जबकि अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर इसके बाद छह महीने के अन्दर टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की गई ।
- फॉलो अप होने से भी लोग हो रहे हैं जागरूक
- जिले में खलीलाबाद, सांथा, सेमरियांवा, नाथनगर, हैसर व मेंहदावल सीएचसी में टेलीमेडिसिन के जरिए इलाज की व्यवस्था
जितेन्द्र पाठक
संतकबीरनगर। इलाज के लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था पहले लोगों की समझ में नहीं आ रही थी, लेकिन अब लोगों में इसके प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है। पहले जहां जिले में बनाए गए टेलीमेडिसिन सेण्टर्स महीने में 20 मरीजों तक के लिए तरसते थे, वहीं अब प्रतिदिन 15 से 20 मरीज हर सेण्टर पर देखे जा रहे हैं। कारण यह है कि मरीज यहां से मिलने वाले परामर्श के जरिए ठीक हो रहे हैं। टेलीमेडिसिन की सेवा के जरिये अभी तक 11,115 मरीज देखे जा चुके हैं।
इलाज के लिए लोगों की टेलीमेडिसिन सेवा के प्रति जागरुकता बढ़ी है। जिले में खलीलाबाद, सांथा, सेमरियांवा, नाथनगर, हैसर व मेंहदावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में टेलीमेडिसिन के जरिए इलाज की व्यवस्था है। अस्पताल में अगर कोई चिकित्सक नहीं होता है तो मरीजों को इलाज के लिए पहले टेलीमेडिसिन सेण्टर को ही रेफर करते हैं। कोरोना काल के शुरूआत के बाद से सेण्टर पर आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। पहले की अपेक्षा अब मरीज अधिक आ रहे हैं , सेण्टर के द्वारा मरीजों को ऑनलाइन लखनऊ सेण्टर में बैठे हुए चिकित्सकों को रेफर कर दिया जाता है। वहां से चिकित्सकों को ऑनलाइन सारी सूचनाएं दी जाती हैं। यहां से मरीज की उंचाई, वजन, ब्लड प्रेशर, हार्टबीट के साथ ही ईसीजी तक को चिकित्सकों तक पहुंचा दिया जाता है। सारा आंकलन करने के बाद चिकित्सक उस मरीज के लिए आवश्यक दवाएं लिखते हैं। उनका प्रिंट आउट निकाल कर रोगी को दे दिया जाता है, जिसको वह अस्पताल के दवा वितरण केन्द्र से ले लेते हैं। चिकित्सक उन्हें जब अगली डेट पर बुलाते हैं तो वह पहुंचते हैं जिससे उनका फॉलोअप होता है। नियमित तौर पर मरीज भी इलाज के लिए पहुंचते हैं। खलीलाबाद सेण्टर पर इलाज के लिए पहुंची 58 वर्षीया सरस्वती देवी के सर तथा घुटने में दर्द था। आंख की जांच के लिए वहां पर पहुंची तो चिकित्सक ने उन्हें सर तथा पैर दर्द के लिए टेलीमेडिसिन सेण्टर पर भेज दिया। वहां पर उनकी जांच के बाद चिकित्सक ने सीधे उनसे आनलाइन बात की और कुछ जांच लिखा। स्टाफ नर्स वन्दना सिंह बताती हैं कि जांच रिपोर्ट आने के बाद फिर से पैनल के चिकित्सकों को दिखाई जाएगी तथा उसी केहिसाब से वे दवा लिखेंगे। इसके अतिरिक्त वह नियमित तौर पर मरीजों का फॉलोअप करती रहती हैं।
सिद्ध हो रही है सार्थकता
टेलीमेडिसिन सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. मोहन झा बताते हैं कि जिले में स्थित 6 टेलीमेडिसिन सेण्टर्स पर इमरजेंसी मरीजों को छोड़कर हर तरह की बीमारियों का इलाज हो रहा है। ऑनलाइन चिकित्सक मरीजों की समस्याओं को सुनते हैं तथा उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। टेलीमेडिसिन के कर्मचारी निरन्तर मरीजों को बेहतर सेवा देने का कार्य कर रहे हैं। चिकित्सक भी ऐसी बीमारियों, जिनका इलाज टेलीमेडिसिन के जरिए संभव है, उसके लिए उन्हें वहीं रेफर कर देते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक उन्हें बेहतर परामर्श देते हैं।
लोगों को बढ़ा है झुकाव – विश्वनाथ प्रताप सिंह
जिले में टेलीमेडिसिन सेवा के संतकबीरनगर व बस्ती जनपद के समन्वयक विश्वनाथ प्रताप सिंह बताते हैं कि कोरोना काल के दौरान लोगों का झुकाव टेलीमेडिसिन की तरफ बढ़ा था। उस दौर में यह पूरी तरह से सुरक्षित भी थी। प्रतिमाह हर सेण्टर पर रोज 10 से 15 मरीजों का इलाज किया जाता था। अब तो स्थिति यह है कि रोज औसतन 15 मरीज से ज्यादा आते हैं। दक्ष कर्मचारी नियमित तौर पर लोगों के इलाज में उनकी सहायता कर रहे हैं।
इन रोगों का होता है इलाज
सेवा के जिला समन्वयक बताते हैं कि इस सेण्टर पर हड्डी रोग, बच्चों के रोग, स्किनडर्मा, स्त्री व प्रसूति रोग, थायराइड, ब्लड प्रेशर, सुगर, घुटने में दर्द आदि के साथ ही साथ अन्य साधारण बीमारियों का इलाज होता है।
जिले की 6 सीएचसी में है व्यवस्था
जिले के छह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में टेलीमेडिसिन सेण्टर्स की व्यवस्था की गई है। जिला मुख्यालय पर खलीलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर टेलीमेडिसिन की शुरुआत सितंबर 2019 में हुई थी, जबकि अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर इसके बाद छह महीने के अन्दर टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की गई ।
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बस्ती /बस्ती मण्डल