- बेटी के जन्म पर दिया उपहार, आरोग्य का वरदान स्वास्थ्य मेले का आधार
- 22 स्वास्थ्य इकाइयों पर 3097 मरीजों का उपचार, 1353 महिलाएं इलाज के लिए पहुंची
संतकबीरनगर। जिले की 22 स्वास्थ्य इकाइयों पर रविवार को आयोजित होने वाला स्वास्थ्य मेले का अन्दाज इस बार महिला दिवस के अवसर पर कुछ अलग दिखाई पड़ा। इस बार मेले का उदघाटन जनप्रतिनिधियों और उच्चाधिकारियों ने नहीं किया। बल्कि स्वास्थ्य इकाई की वरिष्ठ एएनएम के द्वारा फीता काटकर किया गया। यही नहीं जिन स्वास्थ्य इकाइयों पर महिलाओं ने बेटियों को जन्म दिया था उन्हें उपहार भी प्रदान किया गया। साथ ही महिलाओं को पोषण पोटली देकर उन्हें उपहार भी प्रदान किया गया ।
सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह के निर्देशन में जिले की 22 स्वास्थ्य इकाइयों पर स्वास्थ्य मेले का आयोजन रविवार को किया गया। इस मेले में 3079 लोगों का उपचार हुआ। इनमें 1139 पुरुष, 1352 महिलाएं तथा 588 बच्चे शामिल रहे। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित इन स्वास्थ्य मेलों का उदघाटन हर स्वास्थ्य इकाई पर वरिष्ठ एएनएम ने फीता काटकर किया। उन स्वास्थ्य इकाइयों पर महिला दिवस के अवसर पर जिस महिला ने भी बेटी को जन्म दिया था उसे स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उपहार प्रदान किया गया। चुरेब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर स्वास्थ्य मेले का उदघाटन जिलाधिकारी रवीश गुप्त की उपस्थिति में वरिष्ठ एएनएम सरोज त्रिपाठी ने किया। इसके पश्चात वहां पर सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर पैदा हुई मुरसद गांव के निवासी कौशरजहां और मोहम्मद नसीम अंसारी की बेटी मंतसा के बेहतर स्वास्थ्य की सभी ने कामना की। नवजात मंतसा की मां को डीएम के साथ ही अधीक्षक डॉ गरिमा, डॉ रेनू यादव स्टाफ नर्स वसुन्धरा पाण्डेय तथा अर्चना भारती ने उपहार दिया। बेटी के जन्म पर दिए गए उपहार में मां और बेटी के लिए वस्त्र, पोषक आहार, फलों की डलिया, ड्राई फ्रूट्स आदि थे। जिलाधिकारी रवीश गुप्त ने कहा कि महिला दिवस पर सभी महिलाओं को बधाई भी दी। चुरेब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉ रेनू यादव, डॉ गरिमा, डॉ आलम हुसैन तथा नेत्र सहायक ज्योति शर्मा ने तन्मयता से सभी की जांच की।
456 उदर तथा 453 श्वसन के रोगी
मेले में आए हुए 3097 रोगियों में से 453 श्वसन रोगी, 155 लीवर रोगी, 103 मधुमेह, 456 उदर रोगी, 420 चर्म रोगी शामिल थे। इस दौरान 101 गर्भवती महिलाओं की भी जांच की गई। जबकि 12 कुपोषित बच्चे भी चिन्हित किए गए। अन्य रोगियों की संख्या 1379 रही।
864 आयुष्मान भारत के कार्ड बने
मेले के दौरान विभिन्न स्थानों पर लगाए गए स्टालों में इस बार 864 आयुष्मान भारत के गोल्डेन कार्ड बनाए गए। इनमें सबसे अधिक 61 आयुष्मान कार्ड बूधा कला स्वास्थ्य इकाई पर बने। वहीं अन्य इकाइयों पर भी गोल्डेन कार्ड बनाया गया।
होम्योपैथिक व आयुर्वेदिक स्टालों पर भी दिखी भीड़
मुख्यमन्त्री आरोग्य मेले के दौरान एलोपैथी के अतिरिक्त होम्योपैथिक तथा आयुर्वेदिक स्टाल पर भी लोगों की काफी भीड़ देखी गई। जिलाधिकारी रवीश गुप्त ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक स्टालों पर भी लोग जाकर इलाज करा रहे हैं।
महिला दिवस पर 15 बालिकाओं ने लिया जन्म
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ ए के सिन्हा ने बताया कि जिले की विभिन्न स्वास्थ्य इकाईयों में 15 बालिकाओं ने महिला दिवस के अवसर पर जन्म लिया। इसमें बघौली क्षेत्र में 6, नाथनगर क्षेत्र मे 8, खलीलाबाद क्षेत्र में एक बालिका शामिल रही। इन सभी बालिकाओं की माताओं को उपहार प्रदान किया गया। साथ ही साथ बालिकाओं की माताओं के लिए पोषक आहार की व्यवस्था की गई।
मेले के पर्यवेक्षण में लगे रहे अधिकारी
जिले में अधिकारीगण मेले के पर्यवेक्षण में निरन्तर लगे रहे। मेले के शासन से नामित पर्यवेक्षक संयुक्त निदेशक बस्ती डॉ एस के त्रिपाठी ने मगहर, चुरेब तथा अन्य स्थानों पर निरीक्षण किया। वहीं सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह के साथ जिले के मेला प्रभारी डॉ ए के सिन्हा ने मेंहदावल क्षेत्र के साड़े कला , परसा पाण्डेय में निरीक्षण किया। वहीं एसीएमओ डॉ मोहन झा, सीएचसी खलीलाबाद के अधीक्षक डॉ वीपी पाण्डेय, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान, क्वालिटी एश्योरेंस मैनेजर डॉ अबू बकर , जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह के साथ अन्य अधिकारीगण मेले के पर्यवेक्षण में लगे रहे।
फोटो परिचय -
फीता काटकर मेले का उदघाटन करती वरिष्ठ एएनएम तथा साथ में सीएमओ डॉ0 हरगोविन्द सिंह
चुरेब में बच्ची पैदा होने पर महिला दिवस के दिन उपहार देती हुई चिकित्सक व अन्य
मेले का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी रवीश गुप्त
महिला के आखों की जांच करते हुए नेत्र चिकित्सक
बच्ची पैदा होने वाली महिला का हाल चाल पूछते हुए जिलाधिकारी रवीश गुप्त
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