नागरिकता संशोधन विधेयक किसी भारतीय के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं करता- हरीश द्विवेदी

नागरिकता संशोधन विधेयक देश के सभी नागरिकों के हित में है -दयाराम चौधरी
बस्ती। नागरिकता संशोधन विधेयक भारत की अस्मिता, संस्कृति की रक्षा के लिये अपरिहार्य था जिसे केन्द्र सरकार ने पूरा किया। इस पर अवसरवादी वोट की राजनीति नहीं होना चाहिये। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी घर-घर जाकर लोगों को कानून के सम्बन्ध में जानकारी दी। यह कानून किसी भारतीय के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं करता। यह विचार सांसद हरीश द्विवेदी ने व्यक्त किया। वे रविवार को नेशनल एसोसिएशन ऑफ यूथ द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी प्रेक्षागृह में आयोजित जन संवाद को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने नागरिकता संशोधन विधेयक कानून को लेकर देश में भ्रम पैदा करने की कोशिश किया, जब ननकाना साहेब गुरूद्वारे पर भीड़ ने हमला किया तो विपक्ष दल चुप्पी साधे हुये हैं। अच्छा हो कि वोट की राजनीति के नाम पर लोगों को न बरगलाया जाय। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश में पहली बार जनहित में ऐसे निर्णय हो रहे हैं जो समय की मांग है। धारा 370, 35 ए  को समाप्त करने के साथ ही सरकार ने देश की जनता से जो वायदा किया था उसे पूरा किया जा रहा है।
भाजपा विधायक दयाराम चौधरी ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक देश के सभी नागरिकों के हित में है, इससे उन लोगांें को न्याय मिलेगा जो वर्षो से शरणार्थी जीवन जी रहे हैं। मुसलमानों को इससे डरने जैसी कोई बात नही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये भाजपा जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल ने कहा कि हमें यह सदैव भान होना चाहिये कि देश सबसे पहले हैं। जो लोग नागरिकता संशोधन विधेयक पर घृणा और नफरत की बात कर रहे हैं उन्हें पहले अपने इतिहास का अध्ययन करना चाहिये। भारतीय संस्कृति के मूल केन्द्र में करूणा है किन्तु हम अपने राष्ट्रीय अस्मिता की उपेक्षा नहीं कर सकते। कार्यक्रम प्रभारी राजेन्द्रनाथ तिवारी ने विधेयक पर जनजागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया। कहा कि लोगों के भ्रम दूर किये जाने चाहिये।  आभार ज्ञापन करते हुये नेशनल एसोसिएशन ऑफ यूथ अध्यक्ष भावेष पाण्डेय ने कहा कि संवाद लोकतंत्र की आत्मा है, इससे समस्याओं का हल निकलने के साथ ही नये मार्ग प्रशस्त होते हैं।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पवन कसौधन, दयाशंकर मिश्रा, यशकान्त सिंह, सुशील सिंह, अजय सिंह गौतम, पुष्कर मिश्र, राम सिंगार ओझा, गजेन्द्र सिंह, जगदीश शुक्ल, अनूप खरे, दिवाकर मिश्र, प्रत्युष सिंह, सत्येन्द्र सिंह ‘भोलू’ दुष्यंत सिंह, रवि प्रताप सिंह, राजेश ओझा, रविन्द्र गौतम, मनमोहन श्रीवास्तव ‘काजू’ अनिल पाण्डेय, जे.पी. तिवारी, विनीत तिवारी, प्रवीण पाठक, अमरेश पाण्डेय, अरविन्द श्रीवास्तव ‘गोला’ परमेश्वर शुक्ल ‘पप्पू’ रिकंू दूबे, नितेश शर्मा ‘रवि’ के.के. सिंह, राजेश मिश्रा, प्रदीप पाण्डेय, वैभव पाण्डेय, सुनील यादव, विद्यामणि सिंह, आलोक पाण्डेय, राजन मिश्रा, ताड़क जायसवाल, आशीष श्रीवास्तव, देवेन्द्र पाल, धीरज सरीन के साथ ही भाजपा और विभिन्न संगठनों के प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।



 


 


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