समाजसेवा को जीवन का ध्येय मानते हैं प्रभा ग्रुप के डायरेक्टर वैभव चतुर्वेदी

तमाम तरह के कटुता के बावजूद मनोबल ऊँचा और इरादे मजबूत 

जितेंद्र पाठक, संवाददाता

सन्त कबीर नगर। तमाम तरह की कटुता का दंश भले ही प्रभा ग्रुप के डायरेक्टर को झेलना पड़ रहा है पर उनके समाजसेवा को कोई फर्क नही पड़ रहा है बल्कि देखा जाय तो जितना उनके मनोबल को गिराने का काम राजनीतिक द्वेष आदि मे किया जा रहा है उतना ही निखार और उत्साह देखने को मिल रहा है। समाजसेवा को जीवन का  ध्येय समझने वाले प्रभा ग्रुप के डायरेक्टर वैभव चतुर्वेदी न दिन देख रहे है न रात कड़ाके की इस कड़ाके की ठंड मौसम मे अस्पताल, रेलवे स्टेशन,विद्यालयो आदि सार्वजनिक स्थलो पर फंसे हुए यात्रियो, अस्पतालो मे मरीजो व देखभाल मे आये उनके सगे संबंधियो, असहाय लोगो की सेवा करने मे कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है । तल्लीनता इतनी की स्वयं का भी ध्यान नही है।

समाजसेवा के पथ पर बढ़ते इस कदम को आप की माता जहां बेहद खुश नजर आ रही है वही ऋषि पत्नि देवी मदालसा की भांति " शुद्धो$सि रे तात न ते$स्ति नाम कृतं हि ते कल्पनयाधुनैव । पंचात्मकम देहमिदं न ते$स्ति नैवास्य त्वं रोदिषि कस्य हेतो : .॥ अपने होनहार पुत्र को वह सीख दे रही है जो जीवन मे आयी कठिनाईयो को बड़ी आसानी से पार किया जाता है ।


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