राष्ट्रीय काव्य पुरोधा सम्मान से सम्मानित किये गए डा. राम कृष्ण लाल ‘जगमग

बस्ती । वरिष्ठ साहित्यकार डा. राम कृष्ण लाल 'जगमग' की  रचनाधर्मिता पर सोमवार को हिन्दी साहित्य सेवा निधि द्वारा कलेक्टेªट परिसर में विमर्श के बाद उन्हें राष्ट्रीय काव्य पुरोधा सम्मान से सम्मानित किया गया।चिकित्सक एवं साहित्यकार डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि 'जगमग' जी श्रेष्ठ कवि होने के साथ ही काव्य गुरू हैं जिन्होने अनेक नवांकुरों को अवसर देकर उन्हें साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय किया जो सिलसिला अनवरत जारी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि हास्य व्यंग्य के साथ ही डा. जगमग की गंभीर रचनायें सोचने को विवश करती है। विवेकानन्द पर उनके महाकाव्य की साहित्य जगत को प्रतीक्षा है। उनकी कृतियां 'चांशनी, 'किसी की दिवाली, किसी का दिवाला' विलाप खण्ड काव्य, हम तो केवल आदमी हैं, 'बाल सुमन' बाल काव्य संग्रह और 'सच का दस्तावेज' काव्य संकलन साहित्य की अमूल्य निधि हैं।
डा. रामकृष्ण लाल जगमग ने कहा कि पहले वे आजाद उप  नाम से कविता लिखते थे, 1970 में महादेवी वर्मा ने उन्हें 'जगमग' उप नाम दिया। इन दिनों वे विवेकानन्द पर महाकाव्य की रचना में व्यस्त है। शीघ्र वह पाठकों के समक्ष होगा।
साहित्यकार श्याम प्रकाश शर्मा ने कहा कि डा. 'जगमग' ने पड़ोसी देश नेपाल, दुबई, मारीशस,  महाराष्ट्र, दिल्ली सहित अनेक राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय काव्य मंचों पर जनपद का मान बढाया है। साहित्य जगत को उनसे बहुत अपेक्षायें हैं। ओम प्रकाश एडवोकेट ने कहा कि 'जगमग' जी ने साहित्य को दुमदार दोहे की नई विधा दिया। उनके दुमदार दोहे चुटीला व्यंग्य करते हैं। शायर शाहिद बस्तवी ने कहा कि हिन्दी और उर्दू काव्य मंचों पर डा. जगमग ने अपने हास्य व्यंग्य रचनाओं से मंचों को ऊंचाई प्रदान किया। वे  नई पीढी के लिये मिसाल है। राजकुमार श्रीवास्तव एडवोकेट ने कहा कि जगमग जी देश के गौरव है। इसी क्रम में पं. चन्द्रबली मिश्र, डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, डा. कमलेश पाण्डेय, डा. राममूर्ति चौधरी, सुरेन्द्र मोहन वर्मा, जगदम्बा प्रसाद 'भावुक, सागर गोरखपुरी, विनय कुमार श्रीवास्तव, भद्रसेन सिंह 'बंधु, ओम प्रकाश धर द्विवेदी, वीरेन्द्र श्रीवास्तव, राघवेन्द्र शुक्ल, विशाल पाण्डेय आदि ने कहा कि उनके प्रयास से ही जनपद में प्रायः कवि सम्मेलन आयोजित होते रहते हैं जिसमें राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय कवियों की उपस्थित होती है।



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