साँची वाणी संवाददाता
बस्ती। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे दुष्प्रचार प्रचार के सिलसिले में आयोजित कार्यशाला 24 मंडलों में सम्पन्न हुई। इस अभियान को लेकर मंडलों की कार्यशाला का आयोजन 30 और 31 दिसम्बर को होना था, जिसके बाद मंडलों के सभी राजस्व गांव और सेक्टरों में 1 से 7 जनवरी 2020 तक संवाद कार्यक्रम एवं गोष्ठी आयोजित होगी। 7 से 14 जनवरी तक विचार परिवार के साथ संयुक्त रूप से जन सम्पर्क अभियान कार्यक्रम होगा। सभी प्रकोष्ठों के लोग भी अपने अपने क्षेत्र में सम्पर्क का अभियान चलाएंगे और जिला केन्द्रों पर रैली का आयोजन होगा।
मीडिया प्रभारी अमृत वर्मा ने बताया इसके लिए सभी मंडलों में वक्ता भेजकर योजना रचना बनाई गई। मण्डल परशुरामपुर में ध्रुव नारायण सिंह, मखौडा धाम में करुणा सिंह, विक्रमजोत में दयाशंकर मिश्र, हर्रैया में अभय पाल, विशेश्वरगंज में चतुर्गुन राजभर, गौर में राकेश श्रीवास्तव, परसा में भानु प्रकाश मिश्र, हरदी में सुशील सिंह, दुबौलिया में सुरेन्द्र सिंह, रामनगर में चन्द्र शेखर मुन्ना, सोनहा में अरविन्द मेंवास्तव गोला, सल्टौआ में रवि सिंह, रुधौली में चन्द्रभान गुप्ता, हनुमानगंज में नितेश शर्मा, पकरीजई में विजय पाण्डेय राजू, साऊँघाट में विजय रंजन त्रिपाठी, मुण्डेरवा में अश्वनी उपाध्याय, बस्ती सदर में अशोक गुप्ता, गनेशपुर में राजेश द्विवेदी, बस्ती नगर में राम चरन चौधरी, बहादुरपुर में प्रेम सागर त्रिपाठी, कलवारी में ओम प्रकाश त्रिपाठी, महसों में विवेकानन्द मिश्र, बनकटी में पवन कसौधन, कुदरहा में गोपेश्वर त्रिपाठी को जिम्मेदारिया दी गई। कार्यशाला में बताया गया कि नागरिकता संशोधन कानून का वही लोग सड़क पर उतर कर विरोध कर रहे हैं, जो देश में रहते हुए ही देश के खिलाफ पहले से बोलते आ रहे है। आज के समय में नागरिकता संशोधन कानून पर विपक्ष भ्रम फैला रहा है। कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों द्वारा फैलाये जा रहे इस भ्रम के खिलाफ भाजपा जनता के बीच जा रही है।
उन्होंने कहा कि 1955 में तिब्बत के शरणार्थी दलाई लामा आये थे। उन्हें नागरिकता दी गयी यही। जो लोग दूसरे देश में प्रताड़ित हुए और भारत मे आये उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए। उन्हें नागरिकता दिए बिना संभव नही है। धर्म के आधार पर ही कांग्रेस ने देश का बटवारा किया । 1916 में राजनीतिक प्रस्ताव के तहत कांग्रेस ने धर्म के आधार पर सीट का बटवारा किया जो अलग था। भारत पाकिस्तान में लियाकत समझौते के तहत अल्पसंख्यकों को सुरक्षित रखने पर सहमति बनी लेकिन भारत ने धर्म निभाया, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक की स्थिति खराब होती गयी।
Tags
बस्ती /बस्ती मण्डल