बस्ती । सोशल क्लब द्वारा रविवार को जिलाध्यक्ष अनिल कुमार पाण्डेय के संयोजन में गांधी कला भवन के निकट श्रीनिवास रामानुजन को याद किया गया। राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर महान गणितज्ञ एस रामानुजम के योगदान पर प्रकाश डालते हुये सेन्ट्रल एकेडमी प्रबंधक जे.पी. तिवारी ने कहा कि रामानुजन का बचपन निर्धनता व कठिनाईयों में बीता। वह अधिकतर विद्यालय में अपने दोस्तों से किताबें उधार लेकर पढ़ा करते थे। गणित के अतिरिक्त अन्य विषयों में रूचि न होने के कारण वे कठिनाई से परीक्षा उतीर्ण कर पाते लेकिन गणित में वे 100 प्रतिशत अंक पाते थे। उन्होने गणित को नया आयाम दिया।
संरक्षक अंकुर वर्मा ने कहा कि मात्र 32 वर्ष की आयु में ही उनका भारत में निधन हो गया। उनके निधन के पश्चात् उनकी 5000 से अधिक प्रमेयों (थ्योरम्स) को छपवाया गया और उनमें से अधिकतर को कई दशक बाद तक सुलझाया नहीं जा सका। रामानुजन की गणित में की गई अदभुत खोजें आज के आधुनिक गणित और विज्ञान की आधारशीला बनी। संख्या-सिद्धान्त पर रामानुजन अद्भुत कार्य के लिए उन्हें 'संख्याओं का जादूगर' माना जाता है। अपने महान गणितीय अवदान के लिए रामानुजन को 'गणितज्ञों का गणितज्ञ' भी कहा जाता है।
सेन्ट बेसिल के गणित प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि युवा होने पर घर की आर्थिक आवश्यकताओं की आपूर्ति हेतु रामानुजन ने क्लर्क की नौकरी कर ली, जहां वह अक्सर खाली पन्नों पर गणित के प्रश्न हल किया करते थे। एक दिन एक अँग्रेज की नजर इन पन्नों पर पड़ गई जिसने निजी रूचि लेकर उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रो. हार्डी के पास भेजने का प्रबंध कर दिया। प्रो. हार्डी ने उनमें छिपी प्रतिभा को पहचाना जिसके बाद उनकी ख्याति विश्व भर में फैल गई।
क्लब संस्थापक एवं प्रधानाचार्य उमेश श्रीवास्तव, संरक्षक रामानन्द 'नन्हें' संयोजक अजय कुमार श्रीवास्तव आदि ने गणित दिवस पर महान गणितज्ञ एस रामानुजम के योगदान पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में ऋतुराज सिंह, राजकुमार शुक्ल, मनमोहन श्रीवास्तव काजू, अनूप श्रीवास्तव, अमर सोनी, दीपक गौड़, आदित्य त्रिपाठी, अखण्ड पाल, आशीष चौधरी, जगदम्बा चौधरी, पंकज द्विवेदी, राघव पाण्डेय, सूरज गुप्ता, लवकुश सोनी आदि शामिल रहे।
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