-इस परिवर्तन से कृषको को प्रति हे0 अधिक मात्रा में गन्ना आपूर्ति सुविधा प्राप्त होगी
-ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से सिचाई करने वाले गन्ना कृषको को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी जायेगी
बस्ती। प्रदेश के आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर भूस रेड्डी ने बताया कि चीनी मिलों के गन्ने की आवश्यकता की पूर्ति एवं किसानों के वेसिक कोटा में वृद्धि किए जाने के दृष्टिगत कृषकहित में गन्ना सट्टा नीति 2019-20 में आंशिक संशोधन किया गया है। सट्टा नीति में किए गये संशोधन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यदि चीनी मिल क्षेत्र में कुल कृषको का आगणित बेसिक कोटा एवं उपज के 85 प्रतिशत के आधार पर निकाले गये कुल सट्टे की मात्रा, चीनी मिल की निर्धारित गन्ना आवश्यकता से कम होती है तो इस अन्तर की मात्रा को अतिरिक्त सट्टा से पूरा किया जायेगा। अन्तर आवश्यकता की पूर्ति हेतु सर्वप्रथम ऐसे कृषक जिनके सट्टे की मात्रा मिल के गतवर्ष की औसत गन्ना आपूर्ति की प्रतिहेक्टेयर से कम हो तो उन्हें मिल की गतवर्ष की गन्ना आपूर्ति तक अतिरिक्त सट्टे की लाभ उनकी उपज की 85 प्रतिशत सीमा तक दिया जायेगा।
उन्होने यह भी बताया कि यदि ऐसे कृषको से अन्तर आवश्यकता की पूर्ति हो जाती है तो इसे यथावत लागू किया जायेगा किन्तु यदि ऐसे कृषको का सट्टा संबंधित मिल की गतवर्ष की औसत आपूर्ति के स्तर तक लाने में अन्तर आवश्यकता से अधिक हो जाता है तो इन कृषको पर भी प्रोरेटा का सिद्धान्त लागू होगा तथा यदि ऐसे कृषको का उपयुक्तानुसार आगणित सट्टे से संबंधित मिल की अन्तर आवश्यकता की सम्यक पूर्ति नही हो पाती है तो अन्तर आवश्यकता की शेष सीमा तक अन्य कृषको को भी प्रोरेटा के अनुसार अतिरिक्त सट्टे की सुविधा देय होगी। आयुक्त ने बताया कि कृषकहित में किए गये इस परिवर्तन से कृषको को प्रति हेक्टेयर अधिक मात्रा में गन्ना आपूर्ति सुविधा प्राप्त होगी तथा छोटे गन्ना कृषक अपना गन्ना समय से चीनी मिल को आपूर्ति कर सकेंगे। ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से सिचाई करने वाले गन्ना कृषको को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी जायेगी तथा अतिरिक्त सट्टे में आस्वीकृत प्रजातियों के गन्ने को सम्मिलत नही किया जायेगा।