किसान खेती के साथ इस कार्य को कर सकते है, ऋण/ अनुदान का लाभ उठायें
बस्ती। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने में डेयरी का प्रमुख स्थान है। इसके लिए बैंक से ऋण तथा अनुदान दिलाया जाता है। उक्त जानकारी जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने दी। उन्होने बताया कि किसान खेती-बारी के साथ इस कार्य को भली-भाॅति कर सकते है। जिलाधिकारी ने बताया कि इस योजना में सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के लाभार्थी को 25 प्रतिशत तथा अनुसूचितजाति/जनजाति के किसानों को 33.33 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। अनुदान के लिए संबंधित बैंक द्वारा डीईडीएस पोर्टल https://ensure.nabard.org पर सब्सिडी का दावा अपलोड किया जायेगा।
उन्होने बताया कि 10 गाय या भैंस की डेयरी स्थापित करने के लिए 07 लाख रूपये का ऋण दिया जाता है। इसमें एक व्यक्ति को 02 गाय या भैंस तथा अधिकतम 10 गाय या भैंस के लिए व्यक्तिगत, समूह, सहकारी समितियों को ऋण दिया जायेगा।
उन्होने बताया कि किसान डेयरी से निकले दूध की ब्रिकी के अलावा गोबर की खाद बनाकर भी बेच सकते है। वर्मी कम्पोस्ट के लिए 25200 रूपये का ऋण दिया जायेगा। दूध निकालने की मशीन का 20 लाख रूपये का लोन दिया जाता है। डेयरी प्रासेसिंग यंत्रों की खरीद के लिए रू0 13.20 लाख का ऋण दिया जाता है। डेयरी उत्पादों दूध के परिवहन एवं कोल्ड चेन मेनटेन करने के लिए रू0 26.50 लाख का ऋण दिया जायेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि कोल्ट स्टोरेज सुविधा के लिए 33 लाख रूपये का ऋण दिया जाता है। निजी पशु चिकित्सा क्लिीनिक (मोबाइल) स्थापना के लिए रू0 2.60 लाख तथा स्थायी के लिए 02 लाख का लोन दिया जाता है। डेयरी उत्पाद दूध, दही, पनीर आदि बेचने के लिए डेयरी पार्लर की स्थापना के लिए 03 लाख रूपये का ऋण दिया जाता है। उन्होने बताया कि डेयरी उद्यमिता विकास योजना मेें किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, असंगठित/संगठित क्षेत्र के समूह पात्र है। डेयरी सहकारी समितियाॅ, दूग्ध संघ, पंजायती राज संस्थाए भी इस योजना के लिए पात्र है। इस योजना में एक व्यक्ति सभी योजनाओं का लाभ ले सकता है परन्तु उसे केवल एक बार ही लाभ मिलेगा। एक परिवार के एक से अधिक सदस्य इसका लाभ ले सकते है। उन्होने बताया कि अनुसूचितजाति, जनजाति, महिला लाभाार्थी, भूमिहीन/छोटे/सीमान्त और गरीबी रेखा के नीचे आने वाले कृषक और सूखाग्रस्त एवं बाढ क्षेत्र के किसानों के व्यक्तियों के इस योजना में वरियता दी जायेगी।