वरिष्ठ साहित्यकार बालसोम गौतम की

हर युग में प्रासंगिक रहेगी बालसोम जी की रचनाएँ- राना दिनेश प्रताप सिंह
बस्ती । वरिष्ठ साहित्यकार बालसोम गौतम की पुण्य तिथि पर प्रेस क्लब में चल रहे पुस्तक मेले में कवि सम्मेलन का आयोजन प्रसिद्ध शायर ताजीर वस्तवी  की अध्यक्षता और वरिष्ठ कवि डा. रामकृष्ण लाल जगमग के संचालन में किया गया। मुख्य अतिथि राना दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि बालसोम गौतम जनपद ही नहीं वरन देश के महान कवि थे, उनकी रचनायें आज भी लोगों की जुबान पर है। ऐसे कवियों, साहित्यकारों को निरन्तर याद किये जाने की आवश्यकता है। विनोद उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से आरम्भ कवि सम्मेलन में कवियो ने बालसोम जी की रचनाओं का स्मरण किया। संचालन करते हुये डा. जगमग ने कहा कि बालसोम जी उनके गुरू थे, उनकी रचना ' ऐ शाम और ये फूलों का मुरझाना देख उदासी क्यों, जब तंय है होगी सुबह, खिलेंगे फूल हजारों नये-नये' हर युग में प्रासंगिक रहेगी। यह थके हारे मनुष्य को साहस देने वाली रचना है। डा. वी.के. वर्मा की रचना ' जीवन में मत मानो हार, करो नियति को तुम स्वीकार, सच्चाई के पथ पर चलकर लाओ मन में नेक विचार' को सराहा गया। ताजीर वस्तवी के शेर 'जरा सी बात पर उसे रूला दिया तुमने' अब उसकी आंख में काजल तलाश करता है' ने मंच को नई ऊचाई दी। विनोद उपाध्याय के शेर  साफ दिल का जरा चमन  रखिये, इस तरह हमसे मत जलन रखिये' सुनाकर वाहवाही लूटी।   


कवि सम्मेलन में सत्येन्द्रनाथ मतवाला, डा. दशरथ प्रसाद यादव, रामचन्द्र राजा, डा. शिवा त्रिपाठी, डा. कांचन माला त्रिपाठी, डा. अजय कुमार शुक्ल, अभिनव चतुर्वेदी, मंगेश  दूबे , राजेश मिश्र, शशांक शुक्ल, सागर गोरखपुरी, हरीश दरवेश, जगदम्बा प्रसाद भावुक, रहमान अली रहमान, शाद अहमद शाद, डा. अजीत श्रीवास्तव 'राज' पं. चन्द्रबली मिश्र, वृहस्पति पाण्डेय आदि कवियों ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर पुस्तक मेला न्यास की ओर से कवियों को स्मृति चिन्ह व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जयन्त कुमार मिश्र, सुरेश चन्द्र गौतम, सिद्धार्थ सिंह, श्याम प्रकाश शर्मा, पंकज त्रिपाठी डा. नवीन सिंह, आशुतोष मिश्र के साथ ही बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी शामिल रहे।



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