पुस्तकें इंसान का सच्चा साथी एवं पथ प्रदर्शक होती है- मंगेश दूबे
आज के डिजिटल युग में भी पुस्तक की महत्ता कम नहीं हुई है-पंकज त्रिपाठी
बस्ती। प्रेस क्लब में लगे सात दिवसीय पुस्तक मेले के पांचवें दिन शहर के कई विद्यालयों के छात्र-छात्राओं नें पुस्तक मेले का भ्रमण किया। बच्चों ने प्रकाशनों के स्टाल पर भिन्न-भिन्न विषयों की पुस्तकों में रूचि दिखाई व कुछ पुस्तकों की खरीददारी भी की । इस अवसर पर रतनसेन डिग्री कालेज बाँसी के पूर्व अध्यक्ष मंगेश दूबे ने कहा पुस्तकें एक विद्यार्थी की ही नहीं अपितु हर इंसान का सच्चा साथी एवं पथ प्रदर्शक होती है। पुस्तक जीने के सही मायने सिखाती है। आयोजन समिति के बृहस्पति पाण्डेय ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई व ज्ञान में रूचि बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकें खासा प्रभाव रखती हैं। छात्रों को अपने शैक्षणिक काल के बाद भी पुस्तकों का साथ नही छोड़ना चाहिए। बस्ती पुस्तक मेले में विषय से जुडी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की पुस्तकें पाकर बच्चे खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। मयंक श्रीवास्तव ने कहा की बच्चों के मानसिक विकास के लिए पुस्तकें बहुत जरुरी हैं। डॉ नवीन सिंह ने पुस्तकों का चिकित्साशास्त्र में महत्व पर प्रकाश डाला।
आयोजक पंकज त्रिपाठी ने कहा की आज के डिजिटल युग में भी पुस्तक की महत्ता कम नहीं हुई है उसका स्वरूप बदला है। सभी बच्चों ने पुस्तक मेले का भ्रमण कर वहाँ स्थित बुक स्टॉल में मौजूद पुस्तकों को खरीदकर अपने पुस्तक प्रेम को जाहिर किया। बच्चों के साथ आये अध्यापकों ने बताया कि इस ट्रिप का उद्देश्य बच्चों में पुस्तकों के प्रति खोई रूचि को बढ़ाना है। मेले में उन्हें कई अच्छी पुस्तकें देखने को मिली। पुस्तक मेले का भ्रमण करने वाले विद्यालयों में ग्रीन वैली स्कूल, उर्मिला एजूकेशन एकेडमी, डॉन वास्को स्कूल के बच्चे शामिल रहे।