महाराष्ट्र में जोड़-तोड़ का खेल जारी है। अब तो पावर गेम हो गया है। इस तरह की जोड़-तोड़ शायद ही कभी देखने को मिली होगी। भाजपा जहां बहुमत का दावा कर रही है वहीं शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन भी बहुमत का दावा कर रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि सरकार कौन बनाता है। उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से एक दिन पहले शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठजोड़ ने अपनी ताकत दिखाते हुए 162 विधायकों की परेड करायी जिसमें सभी विधायकों ने भाजपा के किसी भी प्रलोभन के सामने नहीं झुकने का संकल्प लिया।
राकांपा विधायक धनंजय मुंडे ने कहा कि सोमवार शाम एक लक्जरी होटल में आयोजित कार्यक्रम में तीनों दलों के 162 विधायक मौजूद थे. राकांपा प्रमुख शरद पवार ने इकट्ठा विधायकों से कहा कि वह निजी तौर पर सुनिश्चित करेंगे कि महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान भाजपा के खिलाफ वोटिंग करने पर किसी की भी सदस्यता ना जाये। उन्होंने े कहा कि भाजपा ने गोवा और अन्य राज्यों में सत्ता बनाने के लिए असंवैधानिक तरीके अपनाये. पवार ने कहा, महाराष्ट्र,गोवा नहीं है और यह समय उन्हें सबक सिखाने का है।
राकांपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने कई संविधान विशेषज्ञों और कानून विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया है और पूर्व के मुद्दों पर भी गौर किया है. पवार ने कहा, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि अजित पवार जिन्हें राकांपा विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया है, उनके पास विधायकों को व्हिप जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। भाजपा का हवाला देते हुए पवार ने कहा, मैं निजी तौर पर जिम्मेदारी लेता हूं कि सदन से आपकी सदस्यता निरस्त नहीं होगी। कार्यक्रम में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा से महाराष्ट्र में शासन के लिए शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठजोड़ के वास्ते रास्ता खाली करने को कहा। परेड में मौजूद विधायकों से कांग्रेस नेता अशोक चह्वाण ने कहा, हमारे पास केवल 162 नहीं, बल्कि 162 से ज्यादा विधायक हैं. हम सब सरकार का हिस्सा होंगे।
अब मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले से महाराष्ट्र में स्थिति साफ़ होगी और नई सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।