हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने जड़ो से जुड़े कवियों, साहित्यकारों को याद करते रहे- सत्येन्द्रनाथ मतवाला
बस्ती । बस्ती के जलालपुर में जन्मे महान कथाकार डा. लक्ष्मीनारायण लाल को उनके पुण्य तिथि पर याद किया गया। प्रो.बी.के. लाल ने डा. लक्ष्मीनारायण लाल की प्रमुख कृतियों अंधा कुआँ, मादा कैक्टस, सूखा सरोवर, नाटक बहुरंगी, सबरंग मोहभंग आदि पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये कहा कि नाटक के क्षेत्र में उनके कृतियों का विश्व स्तर पर सम्मान मिला है। संचालन करते हुये वरिष्ठ साहित्यकार श्याम प्रकाश शर्मा ने उनके नाटक 'अब्दुल्ला दीवाना' पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस कृति ने धूम मचा दिया था और उसे एशिया पुरस्कार प्राप्त हुआ था। वरिष्ठ साहित्यकार प्रगतिशील लेखक संघ अध्यक्ष सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने जड़ो से जुड़े कवियों, साहित्यकारों को याद करते रहे। डा. लक्ष्मीनारायण लाल, बाल सोम गौतम, सर्वेश्वरदयाल सक्सेना जैसे अनेक विभूतियों को बार-बार याद रखना होगा। डा. सत्यदेव त्रिपाठी, मो. वसीम अंसारी, कमलापति पाण्डेय, डा. राम दुलारे पाठक, डा. राममूर्ति चौधरी, ओम प्रकाशनाथ मिश्र आदि ने डा. लक्ष्मीनारायण लाल की कृतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जगदम्बा प्रसाद भावुक, अजमत अली सिद्दीकी, शव्वीर अहमद, जगदीश प्रसाद, दीनानाथ यादव, कृष्ण चन्द्र पाण्डेय, लालजी पाण्डेय, विनय कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।